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Author: Siddhbhoomi Team
सिद्धभूमि के लेखक एक प्रमुख समाचार लेखक हैं, जिन्होंने समाज और राजनीति के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहरी जानकारी और विश्लेषण प्रदान किया है। उनकी लेखनी न केवल तथ्यात्मक होती है, बल्कि समाज की जटिलताओं को समझने और उजागर करने की क्षमता रखती है। उनके लेखों में तात्कालिक घटनाओं के विस्तृत विश्लेषण और विचारशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को समाज के विभिन्न पहलुओं पर सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
बारिश का मौसम अपने साथ गर्मी से राहत दिलाती है और ताजगी लाता है। लेकिन इसके साथ कई बीमारियां भी दस्तक देती हैं। बारिश के मौसम में हवा में नमी बढ़ने से बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं। दूषित पानी और खराब डाइट की वजह से पेचिश, डायरिया, मलेरिया, डेंगू, कंजंक्टिवाइटिस, टाइफाइड, वायरल फीवर और निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर पर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इन बीमारियों की चपेट में जल्दी आ सकते हैं। ऐसे में बारिश के मौसम में खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अपने खानपान और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना…
बिहार में इसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में वहां पर चुनाव आयोग के द्वारा जारी स्पेशल इंटेंसिव रिविजन यानी एसआईआर पर पक्ष-विपक्ष आमने सामने है और मामला मीडिया माध्यम से आगे बढ़कर सर्वोच्च न्यायालय की दहलीज तक पहुंच चुका है। इसलिए उम्मीद है कि देर आयद, दुरुस्त आयद करते हुए न्यायालय ऐसे दिशा निर्देश जारी करेगा कि भविष्य में राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की सांठगांठ से चलने वाले मतदाता सूची सम्बन्धी खेल पर पूर्ण विराम लग सके।इसे भी पढ़ें: वोटर लिस्ट रिवीजन पर सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार, अब विजय सिन्हा ने विपक्ष…
घर में चींटियों का आना कई बार बड़ी मुसीबत की वजह बन जाती है। क्योंकि जरा सी लापरवाही के कारण चींटियों की लंबी कतार पूरे घर में फैल जाती है। डाइनिंग टेबल पर रखा खाने का सामान हो या फिर किचन में रखी मिठाई हो, अचानक ही चींटियों का झुंड आ धमकता हैं। हालांकि चींटियां सिर्फ खाने-पीने की चीजों तक ही सीमित नहीं रहती हैं। कई बार चींटियां कपड़ों, बिस्तर या अलमारी तक भी पहुंच जाती हैं। ऐसे में इन कपड़ों को पहनने से या फिर बिस्तर पर बैठते ही काटने लगती हैं। इनमें फॉर्मिक एसिड जहर पाया जाता है,…
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने अभी तक मतदान की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न राजनीतिक दल लुभावनी घोषणाएं कर रहे हैं, नये-नये मुद्दों को उछाला जा रहा है। गोपाल खेमका हत्याकांड हो या तंत्र मंत्र के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों को जला देने की त्रासद घटना- नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूचियों के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान पर संदेह के सवालों के साथ मुखर विपक्षी दल इसके खिलाफ…
बजाज ऑटो ने अपने फ्लैगशिप स्ट्रीटफाइटर, 2025 पल्सर NS400Z में बड़ा अपग्रेड किया है। पिछले साल लॉन्च किए गए मूल मॉडल की सफलता के आधार पर, जिसकी 20,000 से ज़्यादा यूनिट्स सड़क पर देखी गईं, नई NS400Z अत्याधुनिक संवर्द्धन और राइडर-केंद्रित अपग्रेड के साथ सुलभ प्रदर्शन में नए मानक स्थापित करती है। 1,92,328 रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) की कीमत वाली नई पल्सर NS400Z में आक्रामक प्रदर्शन, नई तकनीक और परिष्कृत इंजीनियरिंग का मिश्रण है।इसे भी पढ़ें: Skoda Auto Volkswagen के पोर्टफोलियो में शामिल हुआ ब्रिटिश कार ब्रांड बेंटले, इन शहरों में खुलेंगे शोरूमसबसे बड़ा अपग्रेड ज़्यादा शक्तिशाली इंजन के रूप में…
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने अभिनव प्रयोगों से अपनी विशेष पहचान बना रहे हैं। मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के लिए प्रारंभ हुआ ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शी पहल है। निकट भविष्य में हमें इसके सुखद परिणाम दिखायी देंगे। शुभ प्रसंग पर शुभ संकल्प के साथ जब कोई कार्य प्रारंभ किया जाता है, तब उसकी सफलता के लिए प्रकृति एवं ईश्वर भी सहयोग करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर मध्यप्रदेश सरकार ने गुड़ी पड़वा (30 मार्च) से 30 जून तक प्रदेश स्तरीय ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ चलाकर जल संरक्षण की दिशा में…
जैसा कि हम सब जानते हैं, मानसून गर्मी से राहत दिलाता है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियां भी आती हैं, जैसे त्वचा, बाल और पेट से जुडी समस्याएं। मानसून में बालों का झडना एक आम बात है, पर जिनके बाल पहले से ही पतले या कम हैं, वे इसे लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित हो सकते हैं। घबराइए नहीं! हम आपके लिए कुछ ऐसे आसान और असरदार उपाय लेकर आए हैं, जो आपके घर में ही मौजूद हैं। जी हां, आपकी अपनी रसोई में रखी कुछ चीजें बालों का झडना कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं। तो चलिए,…
देश में जारी नई आर्थिक नीतियों के फलस्वरूप जहां योग्य चिकित्सकों के रहते हुए भी आधुनिक उपकरणों व उनके रखरखाव के अभाव में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है, वहीं कुकुरमुत्ते की तरह पनप रहे निजी अस्पतालों में महंगे स्वास्थ्य खर्चों के बावजूद योग्य चिकित्सकों की किल्लत या फिर अनुभवहीनता जनित लापरवाही के चलते कभी कभी रोगियों का बुरा हाल हो जाता है। यदा-कदा तो रोगियों के ऊपर गुप्त रूप से की जाने वाली नई नई दवाओं के परीक्षण के चलते उनकी मौत हो जाती है या फिर उनके शरीर पर अतिरिक्त प्रभाव पड़ते हैं और फिर विभिन्न प्रकार…
अक्सर अपने लुक को चेंज करने के लिए हम सभी बालों के साथ एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं। कभी एक नया हेयरकट तो कभी बालों को कलर करना हमें काफी अच्छा लगता है। एक बार जब बालों को कलर कर दिया जाता है तो पूरा लुक इंस्टेंट चेंज हो जाता है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि कलर्ड हेयर देखने में काफी अच्छे लगते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ ऐसे बालों को बेहतर तरीके से केयर करने की जरूरत होती है। दरअसल, कलर, ब्लीच या हाइलाइट्स में जो केमिकल्स होते हैं, वो बालों को रूखा व बेजान बना देते…
मधुमिता द्वारा निर्देशित और अभिषेक बच्चन द्वारा निर्देशित ‘कालीधर लापता’ उनकी अपनी तमिल फिल्म ‘केडी ए करुप्पु दुरई’ का हिंदी रीमेक है। हालांकि, मुख्य कहानी बरकरार है, लेकिन हिंदी संस्करण का अपना स्वाद है। यह फिल्म एक भूले हुए आदमी और एक उत्साही बच्चे के बीच एक अप्रत्याशित बंधन के अपने दिल को छू लेने वाले चित्रण में चमकती है। हालांकि, यह जगह-जगह लड़खड़ाती है। कुछ दृश्यों में भावनात्मक गहराई की कमी है और गति हमेशा स्थिर नहीं है। लेकिन इन खामियों के बावजूद, ‘कालीधर लापता’ अपने ईमानदार और प्रभावशाली अभिनय की बदौलत लोगों का दिल जीत लेती है। इसे भी…
सिद्धभूमि -
एक ऐसे समय में जब प्रिंट एवं मुद्रण अपनी प्रारंभिक अवस्था में था ,समाचार पत्र अपने संसाधनो के बूते निकाल पाना बेहद दुष्कर कार्य था ,लेकिन इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” ने 12 मार्च 1978 को पडरौना (कुशीनगर ) उत्तर प्रदेश से सिद्ध भूमि हिंदी साप्ताहिक का प्रकाशन आरम्भ किया | स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” सीमित साधनों व अभावों के बीच पत्रकारिता को मिशन के रूप में लेकर चलने वाले पत्रकार थे । उनका मानना था कि पत्रकारिता राष्ट्रीय लोक चेतना को उद्वीप्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है । इसके द्वारा ही जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखा जा सकता है । किसी भी संस्था के लिए चार दशक से अधिक का सफ़र कम नही है ,सिद्ध भूमि ने इस लम्बी यात्रा में जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखते हुए कर्मपथ पर अपने कदम बढ़ाएं हैं और भविष्य के लिए भी नयी आशाएं और उम्मीदें जगाई हैं । ऑनलाइन माध्यम की उपयोगिता को समझते हुए सिद्ध भूमि न्यूज़ पोर्टल की शुरुवात जुलाई 2013 में किया गया |
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