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Author: Siddhbhoomi Team
सिद्धभूमि के लेखक एक प्रमुख समाचार लेखक हैं, जिन्होंने समाज और राजनीति के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहरी जानकारी और विश्लेषण प्रदान किया है। उनकी लेखनी न केवल तथ्यात्मक होती है, बल्कि समाज की जटिलताओं को समझने और उजागर करने की क्षमता रखती है। उनके लेखों में तात्कालिक घटनाओं के विस्तृत विश्लेषण और विचारशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को समाज के विभिन्न पहलुओं पर सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
अक्सर हम सभी अपने आउटफिट के साथ अलग-अलग डिजाइन वाले हैंडबैग कैरी करते हैं। इन हैंडबैग में फोन या अन्य जरूरी सामान लेकर जाते हैं। लेकिन आउटफिट के साथ हर हैंडबैग अच्छा नहीं लगता है। ऐसे में हम हैंडबैग को चेंज करने के बारे में सोचते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसे हैंडबैग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको आप बताए गए डिजाइन के हिसाब से चूज कर सकते हैं। इससे आपको आउटफिट के साथ हैंडबैग को कैरी करने में दिक्कत भी नहीं होगी।हैंडबैग को आउटफिट के साथ ऐसे करें मैचअगर आप…
हेल्दी रहने के लिए हम सभी वर्कआउट करते हैं। वर्कआउट करने से वजन कम करने या फिर उसे मेंटेन रखने में भी मदद मिलती है। ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो अपने बढ़े हुए वजन को कम करने के लिए जिम में घंटों पसीना बहाते हैं या फिर पार्क में रनिंग करते हैं। लेकिन फिर भी उनका वजन कम नहीं होता। कभी-कभी तो उल्टा मोटापा बढ़ने लगता है।हो सकता है कि आप इस बात को लेकर असमंजस में हों कि घंटों वर्कआउट करने के बाद भ्ी वजन कम क्यों नहीं हो पाता है। दरअसल, इसके पीछे कई अन्य चीजें…
आज के समय में लोग हेल्थ कॉन्शियस होते जा रहे हैं। अधिकतर लोग अपने हेल्थ गोल्स को पूरा करने के लिए अपनी डाइट को ग्लूटन फ्री बना लेते हैं। इस तरह की डाइट में ग्लूटन फ्री रोटी बनाना काफी मुश्किल लगता है, क्योंकि इसमें गेहूं जैसे लचीलापन नहीं होता। जिसकी वजह से कभी रोटी बेलते वक़्त फट जाती है, तो कभी हाथ में चिपकती है या फिर तवे पर जाते ही टूटने लगती है। इसे देखकर यकीनन काफी इरिटेशन होती है।हो सकता है कि आपने भी ग्लूटन फ्री डाइट में रोटी बनाने की कोशिश की हो, लेकिन आप बाद में…
उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि सरकार के इस कदम से राज्य में तीन लाख पचास हजार से ज्यादा छात्रों को निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की नींव होती है। एक मजबूत शिक्षा प्रणाली एक कुशल कार्यबल, नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।चूँकि इस देश में प्राथमिक शिक्षा को राजनीतिक एजेंडे में कोई प्राथमिकता नहीं दी जाती, इसलिए दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला…
श्रावण माह शिव भक्ति का पवित्र माह है जिसमें उत्तर भारत के अनेक राज्यों में पवित्र कांवड़ यात्रा निकलती है। कांवड़ यात्रा में कांवड़िये पहले गंगा नदी तक पैदल जाकर पवित्र जल लेते हैं फिर शिवालयों जाकर महादेव का जलाभिषेक करते हैं। कांवड़िये अपनी यात्रा में 200 से 600 किमी तक पैदल चलते हैं। पूरी यात्रा में कांवड़िये सात्विक जीवन का पालन करते हैं। इस कठिन यात्रा में उनके पावों में छाले तक पड़ जाते हैं। कांवड़ यात्रा में स्त्रियाँ और बच्चे भी सम्मिलित होते हैं। जो सनातनी हिन्दू इस कथों यात्रा का व्रत नहीं ले पाते वे स्थान -स्थान…
विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो चिकनगुनिया अब विकराल रुप लेता जा रहा है। एक मोटे अनुमान के अनुसार आने वाले समय में पांच अरब लोगों के इसके दायरें में आने की पूरी पूरी संभावना है। हांलाकि चिकनगुनिया से मौत का आंकड़ा प्रभावितों में से केवल एक प्रतिशत है पर जिस तरह से इसके फैलने की संभावनाएं बनती जा रही है निश्चित रुप से मौत का आंकड़ा भी बढ़ेगा और लाख दावों के बावजूद इसके स्वास्थ्य पर दूरगामी गंभीर प्रभाव भी पड़ेगा। चिकनगुनिया की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि उष्णकटिबंधीय अफ्रीका से एशिया को लपेटे में…
टीएमजेड स्पोर्ट्स को पता चला है कि कुश्ती के दिग्गज हल्क होगन का 71 साल की उम्र में निधन हो गया है। गुरुवार सुबह-सुबह WWE के दिग्गज हल्क होगन के क्लियरवॉटर, फ्लोरिडा स्थित घर पर डॉक्टरों को भेजा गया… और डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें “कार्डियक अरेस्ट” हुआ था। होगन के घर के बाहर के एक वीडियो में, एम्बुलेंस में ले जाए जा रहे होगन की जान बचाने के लिए बचावकर्मी बेताब दिखाई दे रहे हैं।कुश्ती के दिग्गज और पॉप संस्कृति के प्रतीक हल्क होगन के निधन ने न केवल पेशेवर कुश्ती जगत को झकझोर कर रख दिया। 80 और…
भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की अंतिम स्वीकृति ने न केवल वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है, बल्कि भारत के आर्थिक भविष्य को भी एक नई दिशा दी है। दोनों देशों के बीच आखिरकार फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने का फायदा दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से संरक्षणवाद बढ़ा है, उसमें ऐसे व्यापार समझौतों की भूमिका और भी अहम हो जाती है। इस समझौते से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल अमेरिका बल्कि अन्य देशों को भी भारत की मजबूत होती स्थिति का आइना दिखाया है, जो…
सरज़मीन समीक्षाएं: इब्राहिम अली खान, काजोल और पृथ्वीराज सुकुमारन अभिनीत सरज़मीन 25 जुलाई को जियो हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई। कायोज़ ईरानी द्वारा निर्देशित, यह फिल्म एक देशभक्ति थ्रिलर है जो बड़े ट्विस्ट और एक भावनात्मक ड्रामा का वादा करती है। बोमन ईरानी के बेटे कायोज़ ईरानी की निर्देशन में पहली फिल्म, सरज़मीन, एक महत्वाकांक्षी प्रयास है जो युद्ध, परिवार और रहस्य की एक गहरी लेकिन थोड़ी असंतुलित कहानी कहती है। फिल्म भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण सीमा पर आधारित है, लेकिन इसका असली फोकस एक सैनिक और उसके परिवार के बीच के रिश्ते पर है। एक भावनात्मक केंद्र जिसमें…
हर महिला खूबसूरत दिखना चाहती हैं, जिसके लिए वह काफी प्रयास भी करती हैं। डस्की स्किन को खूबसूरत बनाने के लिए महिलाएं महंगे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं। अगर आपकी स्किन भी डस्की है, तो आप भी अपने चेहरे को खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए मेकअप करती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ब्यूटी एक्सपर्ट की मदद से कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। जिनका इस्तेमाल करने से आप आसानी से डस्की स्किन को खूबसूरत बना सकती हैं। हम आपको डस्की स्किन पर मेकअप करने के लिए आप कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं।सही…
सिद्धभूमि -
एक ऐसे समय में जब प्रिंट एवं मुद्रण अपनी प्रारंभिक अवस्था में था ,समाचार पत्र अपने संसाधनो के बूते निकाल पाना बेहद दुष्कर कार्य था ,लेकिन इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” ने 12 मार्च 1978 को पडरौना (कुशीनगर ) उत्तर प्रदेश से सिद्ध भूमि हिंदी साप्ताहिक का प्रकाशन आरम्भ किया | स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” सीमित साधनों व अभावों के बीच पत्रकारिता को मिशन के रूप में लेकर चलने वाले पत्रकार थे । उनका मानना था कि पत्रकारिता राष्ट्रीय लोक चेतना को उद्वीप्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है । इसके द्वारा ही जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखा जा सकता है । किसी भी संस्था के लिए चार दशक से अधिक का सफ़र कम नही है ,सिद्ध भूमि ने इस लम्बी यात्रा में जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखते हुए कर्मपथ पर अपने कदम बढ़ाएं हैं और भविष्य के लिए भी नयी आशाएं और उम्मीदें जगाई हैं । ऑनलाइन माध्यम की उपयोगिता को समझते हुए सिद्ध भूमि न्यूज़ पोर्टल की शुरुवात जुलाई 2013 में किया गया |
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