एक तरफ जेलेंस्की ने साफ कर दिया कि यूक्रेन अपनी जमीन किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगा। लेकिन ठीक उसी वक्त व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा दांव चला कि ठीक उसी वक्त सभी हैरान रह गए। सिर्फ 24 घंटे में रूस ने 110 स्कावयर किलोमीटर का इलाका कब्जा कर लिया। ये अब तक का सबसे बड़ा एडवांस है। एक तरफ पुतिन ने अलास्का मीटिंग में डिमांड रखी और दूसरी तरफ अपनी आर्मी को फ्रंट लाइन पर आगे बढ़ा दिया। ऐसे में असली सवाल ये है कि क्या रूस यूक्रेन जंग का फाइनल अब करीब है। दरअसल, हाल ही में अमेरिका रूस के बीच अलास्का में के बीच एक अहम मीटिंग हुई और इसमें पुतिन ने साफ कहा कि अगर यूक्रेन हमें दो जगह दे दे तो युद्ध खत्म हो सकता है। पुतिन ने ये भी वादा किया कि इसके बाद रूस खेरसॉन और जॉपरिजिया से पीछे हट जाएगा। लेकिन शर्त एक ही थी कि डोनेस्क और लुहांस्क को रूस की टैरिटरी मान ली जाए। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन की इस डिमांड को सपोर्ट किया और यहां तक कहा कि नाटो देशों को भी इस मांग पर विचार करना चाहिए ताकी युद्ध समाप्त हो सके।
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ट्रंप-जेलेस्की की मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की महत्वपूर्ण मुलाकात करेंगे। इस बैठक में कई यूरोपीय नेता भी शामिल होंगे, जो रूस-यूक्रेन संघर्ष और वैश्विक सुरक्षा मुद्दे पर चचां करेंगे। बैठक का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता बढ़ाना और आर्थिक, सैन्य सहायता के नए विकल्पों पर विचार करना बताया जा रहा है। विशेष अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने रविवार को कहा कि ट्रंप के साथ शिखर वार्ता में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों को यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी देने पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह गारंटी नाटो की सामूहिक रक्षा प्रतिबद्धता के समान होगी और साढ़े तीन साल से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए किसी भी संभावित समझौते का हिस्सा है।
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ट्रंप के साथ बैठक से पहले ब्रसेल्स पहुंचे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि अंतिम समझौते पर जल्द से जल्द काम करने के लिए युद्ध विराम जरूरी है। इसलिए, असल समझौता वार्ता जरूरी है। एकजुटता से शांति समझौता करने में मदद मिलेगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि पुतिन की कई मांगें है, लेकिन हम सभी के बारे में नहीं जानते। जेलेंस्की ने कहा है कि हम अपनी जमीन नहीं देंगे। आज अगर हम अपने दो इलाके छोड़ दें तो कल रूस और अंदर घुस जाएगा। उनका मानना था कि ये कोई शांति सौदा नहीं बल्कि रूस का ट्रैप है और अगर एक बार यूक्रेन झुक गया तो पूरे देश की संप्रभुता पर खतरा मंडरा जाएगा।
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पुतिन ने सिर्फ बातों तक ही खुद को सीमित नहीं रखा। अलास्का में मीटिंग से 48 घंटे पहले ही रूस ने डोनटेस्क में अपनी सबसे तेज सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। रूसी आर्मी ने 24 घंटे में 110 स्कावयर किलोमीटर इलाका कब्जा कर लिया। ये 2025 की सबसे बड़ी वन डे एडवांस थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने बड़ा दावा किया। उन्होंने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अलास्का में ट्रम्प के साथ हुई वार्ता में पुतिन पहली बार यूक्रेन को नाटो जैसी सुरक्षा गारंटी देने पर राजी हो गए। उन्होंने कहा, प्रस्तावित डील के तहत अमेरिका व यूरोपीय देश यूक्रेन को नाटो के अनुच्छेद 5 जैसी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे।