उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की याचिका पर सुनवाई 13 अक्टूबर तक के लिए सोमवार को स्थगित कर दी।
इस याचिका में 2016-17 तक की अवधि के लिए अतिरिक्त समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से जुड़ी मांगों को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ से केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई को अगले सोमवार तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया।
इसे भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना के 42% OBC आरक्षण पर अहम सुनवाई, कांग्रेस ने कसी कमर
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस दलील का समर्थन किया।
उन्होंने पीठ से आग्रह किया कि दिवाली की छुट्टियों से पहले इस याचिका पर सुनवाई की जाए।
प्रधान न्यायाधीश ने दलीलें स्वीकार कर लीं।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 26 सितंबर को सुनवाई छह अक्टूबर तक के लिए टाल दी थी।
वीआईएल ने दूरसंचार विभाग की तरफ से वित्त वर्ष 2016-17 से संबंधित 5,606 करोड़ रुपये की मांग के खिलाफ नई याचिका दायर की है।
इससे पहले केंद्र ने कहा था कि कंपनी के साथ समाधान निकालने के प्रयास जारी हैं।
केंद्र सरकार के विधि अधिकारी ने कहा कि सरकार के पास वोडाफोन आइडिया में करीब 50 प्रतिशत शेयर हैं जिससे वह इस कंपनी के वजूद में बने रहने से प्रत्यक्ष जुड़ाव रखती है।
विधि अधिकारी ने पीठ से कहा, ‘‘आपके अनुमोदन के अधीन कुछ समाधान निकाला जा सकता है। अगर इसे अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया जाए तो हमें कोई समाधान निकालने का समय मिल जाएगा।’’
इसे भी पढ़ें: जनता की खुशी-संतुष्टि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: सीएम योगी, जनता दर्शन में सुना दर्द
इस साल की शुरुआत में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों को झटका देते हुए शीर्ष अदालत ने अपने 2021 के आदेश की समीक्षा करने से इनकार कर दिया था। साथ ही इसमें उनके द्वारा देय एजीआर बकाया की गणना में कथित त्रुटियों को सुधारने की उनकी याचिकाओं को भी खारिज कर दिया गया था।
