भारत रत्न छत्तीसगढ़ के निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीति के ऐसे नायक थे, जो आने वाली पीढ़ियों को अपने कृतित्व से प्रेरित करते रहेंगे। आज सामाजिक, राजनीतिक एवं समाज जीवन के अनेक क्षेत्र में लक्ष्यावधि लोग अटल जी की प्रेरणा से राष्ट्रकार्य में अपनी श्रेष्ठतम भूमिका सुनिश्चित कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए वह पितातुल्य अभिभावक थे। ज्योतिपुंज अटल जी राजनीतिक क्षेत्र में जिस तरह निरहंकारी एवं ध्येयनिष्ठ व्यक्तित्व से लोगों के हृदय में बसे रहे वह देवदुर्लभ है। सहज-सरल, धोती कुर्ता पहने वह लोगों के बीच इतने सामान्य रूप में उपस्थित होते थे कि उनसे मिलने और अपनी बात रखने में कभी किसी कार्यकर्ता या सामान्य जन को जरा भी संकोच नहीं होता था। अटलजी के व्यक्तित्व में बहुमुखी प्रतिभा थी। कवि हृदय लेखक एवं पत्रकार के रूप में उन्हें मां सरस्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त था। राष्ट्रधर्म, पांचजन्य एवं स्वदेश जैसे समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं को राष्ट्रीयता से ओतप्रोत अपनी पत्रकारिता से सिंचने का जो पुनीत कार्य उन्होंने किया वह आज भी देश और समाज को दिशा दे रहा है। एक कुशल राजनेता के रूप में अंत्योदय के वह अहर्निश पुजारी के रूप में आजीवन राष्ट्रसाधना में जुटे रहे। अटल जी आधुनिक भारत के वह महान शिल्पकार थे जिन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, सर्व शिक्षा अभियान जैसे अंत्योदय के अनुष्ठान से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास की अविरल धारा पहुंचाई। सड़कें किसी भी क्षेत्र की प्रगति की सूचक होती हैं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाओं ने दूरस्थ और अभावग्रस्त क्षेत्र तक समृद्धि और अवसर पहुंचाने का काम किया है। सर्वशिक्षा अभियान के जरिए हर बच्चे को स्कूल तक ले जाने का अभूतपूर्व कार्य हुआ।
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अटल जी के जीवन में राष्ट्र निर्माण के अनुपम सूत्र समाए हुए थे। विपक्ष और अन्य प्रतिस्पर्धी दलों के नेता भी उनसे प्रभावित होते थे तथा उनसे आवश्यक सुझाव लिया करते थे। दलगत भावना से ऊपर उठकर वह राष्ट्रहित में सदैव खड़े रहे। विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ जाने के कारण राष्ट्रभक्ति का जो ज्वार उनके भीतर रहा वह आजीवन उनकी कविताओं तथा उनके कृतित्व में प्रकट हुआ। राजनीतिक क्षेत्र में कई बार लोग मनभेद कर लेते हैँ, लेकिन उनके हृदय में किसी के प्रति कभी मन में विकार नहीं रहा। उनकी सहजता के कारण ही भिन्न विचारधारा के लोगों में भी उनकी स्वीकार्यता थी। हमारे छत्तीसगढ़ की 31 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या जनजातीय समाज से आती है। देश में कई दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी ने जनजातीय समाज को हमेशा वोटबैंक की तरह उपयोग किया, लेकिन उनका उत्थान कभी प्राथमिकता में नहीं रहा। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपने कार्यकाल में केंद्र में जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना की। आज छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्यप्रदेश, उत्तर पूर्व समेत विभिन्न राज्यों में जनजातीय समाज के उत्थान हेतु अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कथित आर्थिक महाशक्तियों के दबाव में आए बिना देश को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाया। अटलजी का मानना था कि अधोसंरचना विकास किसी भी राष्ट्र की धमनियों की तरह होता है। उन्होंने कई ऐसे क्षेत्र में निजी क्षेत्र की उद्यमीता को बढ़ावा दिया जो लंबे समय तक गैरप्रतिस्पर्धी और सार्वजनिक क्षेत्र के लिए ही आरक्षित मान लिए गए थे। इससे देश की अर्थव्यवस्था में गुणवत्ता एवं प्रतिस्पर्धा का विकास हुआ।
माननीय अटलजी की दूरदृष्टि से छत्तीसगढ़ के निर्माण का वह संकल्प पूर्ण हुआ जिसके लिए हमारे पुरखों ने लंबा संघर्ष किया। छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ लोगों के लिए यह वर्ष राज्य की स्थापना का रजत जयंती वर्ष है। ऐसे में प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपने राज्य निर्माता अटलजी के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर रहा है। माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमने इस वर्ष को अटल निर्माण वर्ष घोषित किया है। हमारी सरकार के प्रत्येक निर्णय में अटलजी के सुशासन का दर्शन होता है। वह चाहे किसानों की आमदनी दोगुनी करने से जुड़े अनेक निर्णय हों, जिनमें 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी, श्रीअन्न, दलहल, तिलहन एवं औषधीय खेती को प्रोत्साहन हो या फिर जैविक और प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन अन्नदाता के प्रति हमारी प्राथमिकता को साबित करता है।
मातृशक्ति के आर्थिक स्वावलंबन के लिए महतारी वंदन योजना एवं महतारी सदन के निर्माण के साथ ही छत्तीसगढ़ में हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता श्रमिकों के लिए 5500 रुपये प्रति मानक बोरा संग्रहण राशि एवं चरण पादुका जैसे कल्याणकारी निर्णयों के पीछे मोदी जी गारंटी एवं अटलजी के सुशासन का संकल्प ही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विष्णुदेव साय जी की डबल इंजन सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए सुशासन एवं अभिकरण विभाग का गठन किया है। ई-ऑफिस जैसे नवाचार से शासकीय कामकाज में पारदर्शिता एवं दक्षता आई है। दैनिक जीवन से लेकर उद्यम लगाने से जुड़ी गतिविधियों में सहजता हो इस उद्देश्यों से हमारी डबल इंजन सरकार ने लगभग चार सौ नीतिगत सुधार किए हैं। यह छत्तीसगढ़ को सुशासन के बेहतरीन मॉडल स्टेट के रूप में स्थापित करता है।
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आज देश के प्रधानसेवक एवं विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता श्री नरेंद्र मोदी जी एवं छत्तीसगढ़ के हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय विकसित भारत एवं विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करने में जुटे हैं, सकल्प से सिद्धी की यात्रा सही मायने में अटलजी की प्रेरणा से ही संभव होगी। यही उन्हें सच्ची आदरांजलि होगी।
– लेखक : अरुण साव, उपमुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
