रात के अंधेरे में रूस का एक विमान रनवे पर उतरा। इस विमान में कुछ ऐसा था, जिसे देखकर नार्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन फूट फूट कर रोने लगे। आपने किम जोंग उन को हमेशा अमेरिका और साउथ कोरिया जैसे देशों को धमकाते सुना होगा। मिसाइल टेस्ट करवाते देखा होगा। यहां तक की खतरनाक तानाशाही आदेश देते सुना होगा। लेकिन पहली बार दुनिया ने किम जोंग उन को रोते हुए देखा है। रूस का ये विमान नार्थ कोरिया में लैंड हुआ और जैसे ही ये विमान रनवे पर उतरा तो किम जोंग उन के साथ साथ पूरी नार्थ कोरिया की सेना रोने लगी। इसी दौरान भारत का भी एक ऐसा बयान आ गया जिसे सुनकर सभी हैरान हो जाएंगे।
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नार्थ कोरिया में विमान के उतरते ही रोने लगे किम जोंग उन
जो शासक हमेशा हंसता है। उसकी आंखों में आंसू निकले तो वो सुर्खियां बन गई। दरअसल, किम जोंग प्यूइंग यांग में एक सरकारी समारोह में रोने लगे। ये समारोह उस सैनिकों के सम्मान में रखा गया था जो यूक्रेन के खिलाफ रूस की ओर से लड़ते हुए मारे गए। साथ ही सैनिकों के परिवारों को गले लगाकर उन्हें ढांढस भी बढ़ाया। इस समारोह में मारे गए सैनिकों की तस्वीरें लगाई गई थी। किम इन तस्वीरों के सामने झुके और सैनिकों की तस्वीरों पर मैडल रखा। इस दौरान उन्होंने युद्ध से लौटे सैनिकों को भी सम्मानिक किया। किम जोंग ने सैनिकों को नायक के रूप में सम्मान दिया। जब किम सैनिकों को सम्मानिक कर रहे थे। मारे गए सैनिकों को हीरो का दर्जा दे रहे थे। तब सैनिकों के परिवार वाले अपने आंसू नहीं रोक पाए। ये देख किम भी रोने लगे। उन्होंने मृत सैनिकों के बच्चों को गले लगाया और प्यार से उनके माथे को भी चूमा।
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भारत के भी कुछ लोग रूसी सेना में यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ते पाए गए। हैरानी की बात ये है कि रूसी सेना में इन भारतीय लोगों को भारत सरकार ने नहीं भेजा था। लेकिन ये लोग फिर भी रूसी सेना में पहुंच गए और यूक्रेन से जंग लड़ने लगे। आपको बता दें कि इन भारतीय लोगों को कुछ एजेंट्स ने बेवकूफ बना दिया। इन्हें सपने दिखाए कि रूस में नौकरी के लिए भेजेंगे। वहां लाखों रुपए की सैलरी मिलेगी। लेकिन चुपचाप इन्हें रूसी सेना में भर्ती करा दिया गया। इनके हाथों में बंदूक पकड़ा दी गई। यूक्रेन से लड़ने के लिए मैदान में उतार दिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्नाटक, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर से इन लोगों को बहला फुलसलाकर रूसी सेना में भर्ती कराया गया।
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भारतीय सेना के मुताबिक 17 जनवरी 2025 तक ऐसे 126 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि इनमें से 96 लोग भारत वापस लौट चुके हैं। लेकिन अभी भी करीब 8 भारतीय लोग रूस की सेना की तरफ से यूक्रेन में जंग लड़ रहे हैं और 12 भारतीय मारे जा चुके हैं। इसी को देखते हुए रूस के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बचे हुए भारतीयों के बारे में हमें जानकारी दी जाए। एस जयशंकर ने रूस से कहा कि भारतीय लोगों की सुरक्षा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कृपया इस मुद्दे को जल्द ही सुलझाइए और जो भारतीय लोग अभी भी रूसी सेना की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। उन्हें तुरंत सकुशल भारत भेजा जाए।
