वेनेजुल और अमेरिका के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि कभी भी भीषण हमले शुरू हो सकते हैं। दोनों तरफ से हथियारों की तैनाती की जा रही है। खासकर जब से ट्रंप ने दुनिया के सबसे बड़े युद्धपोत गैराल्ड आलफोर्ड को कैरीबियन सागर में तैनात किया है और वेनेजुला ने रूस की बनी 5000 इगला एस मिसाइलों को तैनात किया है। तब से तो युद्ध भड़कने की स्थिति और ज्यादा पैदा हो गई है। ट्रंप लगातार वेनेजुला के राष्ट्रपति निकोलस मादुर को धमकी दे रहे हैं कि जल्द ही उनके देश में जमीनी कारवाई हो सकती है। भले ही अमेरिका वेनेजुला को झुकाने के लिए हर तरह का तरीका अपना रहा हो लेकिन ऐसा करके यह फंसता भी जा रहा है। जैसे कि क्यूबा मिसाइल संकट के दौरान हुआ था। क्योंकि वेनेजुला पर अमेरिका के बढ़ते दबाव के बीच अब रूस भी मैदान में उतर आया है। जिसने अमेरिका की टेंशन बढ़ा दी है। खबर है कि रूस वेनेजुला की मदद करने के लिए मैदान में उतर आया है।
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रूस के एक विमान ने वेनेजुला की राजधानी तक उड़ान भरी है। जिसमें भारी तादाद में सैन्य सामान बताए जा रहे हैं। रूस का सैन ट्रांसपोर्ट विमान मॉस्को से उड़ान भरकर वेनेजुएला की राजधानी काराकास पहुंचा। दो दिन तक चली यह जटिल यात्रा जिसमें विमान ने कई देशों में रुककर ईंधन भरा जो कि अब चर्चा का विषय बन गया है कि क्या रूस अपने पुराने सहयोगी निकोलस की सरकार को गुप्त सैन्य मदद भेज रहा है। जानकारी के मुताबिक रूसी वायुसेना का विमान 24 अक्टूबर को मॉस्को से रवाना हुआ और 26 अक्टूबर को वेनेजुला की राजधानी काराकास पहुंचा। सबसे बड़ी बात तो यह है कि काराकास में विमान लगभग 45 घंटे तक रुका रहा जो कि संकेत देता है कि इस दौरान माल की अनलोडिंग या ट्रांसफर हुआ होगा। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइटों के मुताबिक यह असामान्य रास्ता सिर्फ ईंधन भरने के लिए नहीं था।
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कई जानकारों का मानना है कि विमान ने कुछ ठिकानों से विशेष माल उठाया होगा क्योंकि इतनी जटिल उड़ान सिर्फ तकनीकी कारणों से समझना मुश्किल है। हालांकि इस विमान के अंदर क्या था इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है लेकिन अनुमान है कि इसमें करीब 34 टन तक का सैन्य उपकरण लाया गया है। कहा जा रहा है कि वेनेजुएला की रूसी बनी सैन्य प्रणाली जिसमें लड़ाकू विमान हेलीकॉप्टर और मिसाइल सिस्टम लंबे समय से खराब हालात में है। इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि रूस ने इस उड़ान के जरिए स्पेयर पार्ट्स, एयर टू एयर मिसाइलें या पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम भेजे हो।
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रूस ने वेनेजुला को मजबूत करने के साथ ही अमेरिका को टेंशन में डालने का काम किया है। वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्राप्त आंतरिक अमेरिकी सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, कैरिबियन में अमेरिकी सेनाओं के जमावड़े के बीच, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने और सहायता प्राप्त करने के लिए रूस, चीन और ईरान से संपर्क कर रक्षात्मक रडार, विमान मरम्मत और संभावित रूप से मिसाइलों का अनुरोध कर रहे हैं। दस्तावेजों के अनुसार, मादुरो ने पुतिन को यह लिखित अपील अक्टूबर के मध्य में मॉस्को की अपनी यात्रा के दौरान वेनेजुएला के परिवहन मंत्री रामोन सेलेस्टिनो वेलास्केज़ से की थी, जहाँ उन्होंने अपने रूसी समकक्ष से मुलाकात की थी। पत्र में सुखोई-30 जेट विमानों को युद्ध के खतरे का सामना करते समय वेनेजुएला की राष्ट्रीय सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण निवारक बताया गया था।
		