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पृथ्वी शॉ ने महाराष्ट्र के लिए डेब्यू मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पृथ्वी ने अपने इस प्रदर्शन से अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है। दरअसल, उन्होंने बूची बाबू टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ के खिलाफ मैच में शतक लगाया।
अपनी फिटनेस और प्रदर्शन के कारण लंबे समय से आलोचना झेल रहे युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने महाराष्ट्र के लिए डेब्यू मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पृथ्वी ने अपने इस प्रदर्शन से अपने आलोचकों का मुंह बंद कर दिया है। दरअसल, उन्होंने बूची बाबू टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ के खिलाफ मैच में शतक लगाया। इस दौरान उन्होने 122 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। उनके इस शतक ने महाराष्ट्र को मुसीबत से उबारा है।
महाराष्ट्री की शुरुआत के बाद महज 16 रनों के भीतर 4 विकेट गंवा दिए थे। इस कठिन परिस्थिति में पृथ्वी शॉ ने एक छोर संभाले रखा और दमदार शतक जड़ा।
पृथ्वी शॉ को पिछले साल खराब फिटनेस के कारण मुंबई टीम ने ड्रॉप कर दिया था। ड्रॉप होने के बाद उन्होंने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने नौ ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग की थी। जिसे स्वीकार भी कर लिया था। खासतौर पर खराब फिटनेस और बढ़ते मोटापे के कारण पृथ्वी शॉ की जमकर आलोचना की गई। लेकिन उन्होंने शतक लगाकर आलोचकों को करारा जवाब दिया है।
महाराष्ट्र ने एक समय सिर्फ 86 रनों के स्कोर चार विकेट गंवा दिए थे। इसलिए पृथ्वी शॉ के शतक का प्रभाव दोगुना रहा, क्योंकि उन्होंने अपनी टीम को चार विकेट गिरने के बाद संकट की स्थिति से उबारा। शॉ ने अपनी पारी में 14 चौके और एक छ्क्का लगाया और मैदान में चारों ओर रन बनाए।
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