भारत अमेरिका के संबंधों को लेकर दुनियाभरमें चर्चा हो रही है। ये संबंध आगे कहां जाएंगे। इसे लेकर हर कोई अपने अपने तर्क दे रहा है। लेकिन इसी बीच अमेरिका में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टान ने भारत अमेरिका संबंधों को लेकर एक और बड़ा बयान दिया है। भारत अमेरिका के बीच टैरिफ की वजह से जहां रिश्ते तनावपूर्ण हो रहे हैं। वहीं जॉन बोल्टन स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं कि स्थिति और तनावपूर्ण होगी। रिश्ते खराब हो चुके हैं। इसके लिए वो सिर्फ और सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। टैरिफ नीति के अलावा अमेरिकी प्रशासन की ओर से भारत की आलोचना करने को लेकर रिश्तों में दरार आई है। ये बात अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन कह रहे हैं। जॉन बोल्टन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप और मोदी का व्यक्तिगत रिश्ता अच्छा था। लेकिन अब सब खत्म हो चुका है। ये सभी के लिए सबक है कि व्यक्तिगत मित्रता और अस्थायी होती है।
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हाल में ब्रिटिश मीडिया पोर्टल एलबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा मुझे लगता है कि ट्रंप अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नेताओं के साथ अपने निजी संबंधों के चश्मे से देखते हैं। इसलिए अगर उनके (रूस के राष्ट्रपति) व्लादिमीर पुतिन के साथ अच्छे संबंध हैं, तो अमेरिका का रूस के साथ भी अच्छा संबंध होता। ज़ाहिर है, ऐसा नहीं है। बोल्टन ट्रंप के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं। लेकिन अब वह ट्रंप के मुखर आलोचक हैं। बोल्टन ने कहा कि ट्रंप के मोदी के साथ व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छे संबंध थे। मुझे लगता है कि अब वह रिश्ता खत्म हो गया है, और यह सभी के लिए एक सबक है।
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उदाहरण के लिए, (ब्रिटेन के प्रधानमंत्री) किएर स्टॉमर के लिए, कि एक अच्छा व्यक्तिगत संबंध कभी-कभी मददगार हो सकता है, लेकिन यह आपको सबसे बुरे हालात से नहीं बचाएगा। ट्रंप 17 से 19 सितंबर तक ब्रिटेन की यात्रा पर रहेंगे। ‘एलबीसी’ के साथ अपने साक्षात्कार के साथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, बोल्टन ने कहा कि व्हाइट हाउस ने अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया है, जिससे मोदी रूस और चीन के करीब आ गए हैं। चीन ने खुद को अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के विकल्प के रूप में पेश किया है।
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अभी बीते महीने की ही बात है जब एफबीआई एजेंटों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और राष्ट्रपति के कट्टर आलोचक जॉन बोल्टन के मैरीलैंड स्थित घर पर छापा मारा। इस मामले से परिचित एक व्यक्ति ने एनबीसी न्यूज़ को बताया कि यह छापा गोपनीय रिकॉर्ड की तलाश में राष्ट्रीय सुरक्षा जाँच का हिस्सा है। जाँच में गोपनीय दस्तावेज़ों के इस्तेमाल से समाचार मीडिया को लीक होने के कई मामलों पर नज़र रखी जा रही है।
