भारत विकास परिषद, महावीरनगर शाखा द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ७९ स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर शाम सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में ‘राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। मगनभाई पटेल इस कार्यक्रम में मुख्यदाता एवं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर संस्था के प्रमुख घनश्यामभाई हिरानी को ५१,००० रुपये की आर्थिक सहायता राशि का चेक अर्पण किया। प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में भारत विकास परिषद, महावीरनगर शाखा द्वारा मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में ‘राष्ट्रीय समूहगान प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जाता है, जिसमें वे मुख्य दानदाता एवं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहते हैं तथा आर्थिक सहयोग प्रदान कर संस्था के कार्यों की सराहना करते रहते हैं। इस प्रतियोगिता में अहमदाबाद की १३ विभिन्न स्कूलों के कुल १०० बच्चोंने भाग लिया था और विभिन्न राष्ट्रगान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में, मगनभाई पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विजेता बच्चों को पुरस्कार वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि मगनभाई पटेलने उपस्थित छात्रों को माता-पिता की सेवा का महत्व देते हुए अपने उदबोधन मे श्रवण का उदाहरण देते हुए बताया कि श्रवण अपने अंध माता-पिता को कावड़ में बिठाकर तीर्थ स्थानों की यात्रा करवा के उनकी सेवा करते थे, जब कि आज की युवा पेढ़ी अपने माता-पिता को छोडकर विदेश में पढाई करने जाते हैं, तो उनके माता-पिता की देखभाल करनेवाला कोई नहीं होता। उन्हें वृद्धाश्रम में रहना पडता है और बहुत कठिन परिस्थितियों से गुजरना पडता है। उनके शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखनेवाला कोई नहीं होता। इसलिए,अपने माता-पिता को मत छोडो। हमारे देश में अभ्यास एव विकास के कई अवसर हैं,इसलिए अगर आप अपने माता-पिता के साथ यहीं रहकर पढाई करेंगे और आगे बढेंगे, तो आप निश्चित रूप से प्रगति कर पाएंगे।
मगनभाई पटेलने आगे कहा कि आज हमारे देश के युवा अपने माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध अपने जीवन के निर्णय लेते हैं और बाद में पछताते हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने रामायण का उदाहरण देते हुए बताया कि सीताजी के स्वयंवर में बडे-बडे राजा उपस्थित थे, जिनमें लंका का राजा रावण भी शामिल था, फिर भी सीताजी को अपने पिता पर विश्वास था कि मेरे पिता मेरे लिए जो वर ढूंढेंगे, वह उपयुक्त होगा और मैं उन्हें ही वरमाला पहनाऊंगी और अंततः सीताजी को राम जैसा पति मिला।
मगनभाई पटेलने वालिया नामक लुटारु का भी उदाहरण देते हुए बताया कि जब वालिया नामक लुटारु अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए सबको लूट रहा था, तो उसकी मुलाकात एक धार्मिक गुरु से हुई जिन्होंने उसे समझाया कि इस काम में उसका कोई भागीदार नहीं है,तब उसका हृदय परिवर्तन हुआ और वालिया नामक लुटारु से वह वाल्मीकि ऋषि बन गया और उनके आश्रम में सीताजीने लव और कुश जैसे बच्चों को जन्म दिया,जिन्हें ऋषि वाल्मीकिने हर तरह की शिक्षा दी और उन्हें राम से भी अधिक सवाया बनाया। आज समाज में ऐसे अनगिनत उदाहरण रोज बन रहे हैं जहां बेटियां अपने माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध विवाह करती हैं और बाद में अपने वैवाहिक जीवन में मतभेद के कारण बात तलाक तक पहुंच जाती हैं। कुछ मामलों में तो बेटियां अपने माता-पिता के घर वापस न लौट पाने के कारण आत्महत्या तक कर लेती हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है।
मगनभाई पटेलने इस अवसर पर देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करनेवाले शहीद मेजर ऋषिकेश रामानी को याद करते हुए कहा की मेजर ऋषिकेश रामानी के पिता वल्लभभाई रामानी अहमदाबाद के ठक्करबापानगर जैसे घनी आबादीवाले क्षेत्र में तीसरी मंजिल पर प्रशिक्षण केंद्र चला रहे हैं, जहां बच्चों को सैनिक स्कूल,बालाचडी के लिए तैयार किया जाता है।यह केंद्र बहुत व्यस्त और भीडभाडवाले इलाके में स्थित है जहां पार्किंग एव अन्य कोई सुविधा नहीं है। हमें इसे सरकार के सहयोग से २००० वर्ग मीटर जगह में तैयार करना चाहिए, जिसकी अनुमानित लागत करीब १५ करोड रुपये तक हो सकती है। मैं आज इस मंच से समाज के प्रमुख लोगों को आगे आने का आग्रह करता हूं और आर्थिक सहयोग देने के लिए अपनी भी अनुमति व्यक्त करता हूं। यह हमारे लिए शर्म की बात है कि कारगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा करते हुए अपने २६ वर्षीय बेटे को खोने के बावजूद, एक पिता अभी भी ऐसे सैनिकों को तैयार करने के लिए चिंतित हैं जिनकी हम सराहना तक नहीं कर सकते। वल्लभभाई रामानी भारत विकास परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं तथा आज गुजरात रिजियन में विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं तथा अनेक संगठनों में सेवा कार्यों से भी जुडे हुए हैं जिसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।
इस सामूहिक राष्ट्रगान प्रतियोगिता में विशिष्ट अतिथि के रूप में RAF (रेपिड एक्शन फ़ोर्स) के १०० बटालियन के डिप्टी कमांडेंट अंजनकुमार झा भी उपस्थित रहे थे और उन्होंने बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि देश सेवा में फ़ोर्स का योगदान उतना ही है, जितना देशवासियों का है। आप पढाई कर के अपने क्षेत्र में विभिन्न पदों पर रहकर भी देश की सेवा कर सकते है। उन्होंने मगनभाई पटेल के वक्तव्य को दोहराकर बताया की ‘जैसे अभी पटेल साहबने बताया की देश में अपने माता-पिता के साथ रहकर उनकी सेवा कर के आप सभी अपने-अपने क्षेत्र में आगे बढ़ सकते है जो एक मां भारती की सेवा ही है,इसलिए कभी अपने माता-पिता को मत त्यागो,पढाई करके अपना और देश का नाम रोशन करो।
इस कार्यक्रम में युवा सशक्तिकरण संयोजक हिम्मत सिंह राठौड, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर की समूहगान प्रतियोगिता का दायित्व सौंपा गया है, वह भी उपस्थित थे और उन्होंने भारत विकास परिषद के कार्यों तथा राष्ट्रगान के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी।संस्था के प्रमुख घनश्यामभाई रैयानी, मंत्री हिम्मतभाई केवडिया, संयोजक राजेशभाई श्याणी, रविभाई कुम्भानी, गुजरात प्रांत के शांतिलाल रैयानी और अन्य गणमान्य व्यक्तियोंने कड़ी महेनत कर के इस कार्यक्रम को हर साल की तरह इस साल भी सफल बनाया।