अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध खत्म करने के लिए समझौता कर लेना चाहिए। अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से यह बात कही।
पुतिन की नई शर्त और यूक्रेन का इनकार
एक सूत्र के अनुसार, इस बैठक में पुतिन ने एक शर्त रखी। उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन पूरा डोनेट्स्क प्रांत रूस को सौंप दे, तो वे ज्यादातर मोर्चों पर सैनिकों की तैनाती रोक देंगे। डोनेट्स्क एक औद्योगिक क्षेत्र है और रूस के मुख्य लक्ष्यों में से एक रहा है। हालांकि, जेलेंस्की ने पुतिन की इस मांग को ठुकरा दिया। बता दें कि रूस पहले से ही यूक्रेन के करीब पांचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है।
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युद्धविराम के बजाय सीधा शांति समझौता
ट्रंप ने कहा कि वे पुतिन से सहमत हैं कि युद्धविराम की मांग के बजाय सीधा शांति समझौता होना चाहिए। पहले ट्रंप का रुख अलग था, जब उन्होंने कहा था कि युद्धविराम के बिना वे खुश नहीं होंगे। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘सभी ने यह तय किया है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस भयानक युद्ध को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका सीधे शांति समझौते पर पहुंचना है। इससे युद्ध खत्म होगा, न कि सिर्फ एक युद्धविराम होगा, जो अक्सर टिक नहीं पाता है।’
जेलेंस्की का रुख
जेलेंस्की ने कहा कि रूस के लडाई रोकने की अनिच्छा के कारण स्थायी शांति मुश्किल हो रही है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, ‘हत्या को रोकना युद्ध खत्म करने का एक अहम हिस्सा है।’ इसके बावजूद, जेलेंस्की ने कहा कि वे सोमवार को वाशिंगटन में ट्रंप से मिलेंगे।
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बैठक के मायने
इस मुलाकात से फरवरी में व्हाइट हाउस में हुई बैठक की यादें ताजा हो गई हैं, जब ट्रंप और उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने सार्वजनिक रूप से जेलेंस्की की आलोचना की थी। ट्रंप ने संकेत दिया है कि भविष्य में पुतिन, जेलेंस्की और उनके बीच एक त्रिपक्षीय बैठक भी हो सकती है। इस बीच, यूक्रेन के यूरोपीय सहयोगियों ने ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया है, लेकिन रूस पर कडे प्रतिबंध जारी रखने का संकल्प लिया है। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने कहा कि सोमवार की बैठक में यूरोपीय नेता भी शामिल हो सकते हैं।
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था। माना जाता है कि यूरोप में 80 साल का यह सबसे भयानक युद्ध अब तक दस लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है या उन्हें घायल कर चुका है, जिसमें हजारों आम नागरिक भी शामिल हैं।