मनचाही कार, स्कूटर, बाइक या एसयूवी खरीदने का आपका सपना जल्द ही सच हो सकता है। जी हाँ, हम आपको बता दें कि मोदी सरकार नए जीएसटी ढांचे पर काम कर रही है, जिससे वाहनों पर लगने वाला भारी टैक्स कम हो सकता है। खासकर छोटी कारों और टू-व्हीलर सेगमेंट में कीमतों में राहत मिलने की पूरी संभावना है। मोदी सरकार वाहन खरीददारों के लिए नया जीएसटी ढांचा लागू करने पर विचार कर रही है, जिसमें कारों, एसयूवी और टू-व्हीलर्स पर अलग-अलग कर दरों को तर्कसंगत बनाया जाएगा। हम आपको बता दें कि अभी की स्थिति में छोटे वाहनों पर 28% जीएसटी और साथ ही 1-3% सेस लगता है। वहीं, एसयूवी (SUVs) पर कुल कर बोझ लगभग 50% तक पहुँच जाता है। यह भारी टैक्स उपभोक्ताओं और ऑटोमोबाइल उद्योग, दोनों के लिए चिंता का विषय रहा है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार एसयूवी की मौजूदा परिभाषा को जीएसटी वर्गीकरण से हटाने पर विचार कर रही है। दरअसल, अक्सर यह विवाद होता रहा है कि कौन-सा वाहन एसयूवी श्रेणी में आए और किस पर कितना टैक्स लागू हो। नई व्यवस्था से यह भ्रम दूर होगा। मोदी सरकार की योजना है कि नया जीएसटी सिस्टम दो दरों पर आधारित होगा। पहला होगा मेरिट श्रेणी (Merit Category)। यहाँ 5% तक जीएसटी लगेगा। इसमें मुख्य रूप से ज़रूरी सामान या प्रोत्साहन योग्य वस्तुएँ (जैसे ईवी, ज़रूरी उपभोक्ता सामान) आ सकती हैं। दूसरा होगा स्टैंडर्ड श्रेणी (Standard Category)। इस पर 18% जीएसटी लगेगा। इसमें अधिकांश कारें, बाइक और स्कूटर आने की संभावना है।
इसे भी पढ़ें: GST दरों में कटौती से क्या-क्या सस्ता होगा? देखिये पूरी लिस्ट, वाकई गजब है मोदी का Diwali Gift
हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में संकेत दिया था कि सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। खबरों के अनुसार, नया जीएसटी ढांचा इस साल दिवाली से बहुत पहले ही लागू किया जा सकता है। इससे छोटी कारें और एंट्री-लेवल बाइक/स्कूटर की कीमतों में सीधे तौर पर कमी आएगी। खासकर 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारें और बेसिक मोटरसाइकिलें अधिक सस्ती हो सकती हैं। इसके अलावा, टैक्स स्ट्रक्चर सरल होने और दरें घटने से एसयूवी की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, ईवी पर पहले से ही 5% जीएसटी है, जो यथावत रहने की संभावना है। साथ ही टैक्स कम होने से मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट घटेगी, जिससे उत्पादन में तेजी और बिक्री में इज़ाफा होगा।
देखा जाये तो उपभोक्ताओं को दिवाली पर नई गाड़ियाँ खरीदने का सुनहरा अवसर मिलेगा। ऑटोमोबाइल सेक्टर की माँग बढ़ेगी, जिससे रोज़गार और निवेश दोनों को बल मिलेगा। सरकार इस कदम से न केवल उद्योग को गति देना चाहती है, बल्कि उपभोक्ताओं के उत्सव बाजार को भी प्रोत्साहित करना चाहती है। यदि यह नया जीएसटी ढांचा लागू हो जाता है, तो यह उपभोक्ताओं के लिए यह वाकई त्योहारी उपहार साबित होगा। इस बार कार, बाइक, स्कूटर और यहाँ तक कि एसयूवी भी पहले से सस्ते दामों पर मिल सकते हैं।