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Author: Siddhbhoomi Team
सिद्धभूमि के लेखक एक प्रमुख समाचार लेखक हैं, जिन्होंने समाज और राजनीति के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहरी जानकारी और विश्लेषण प्रदान किया है। उनकी लेखनी न केवल तथ्यात्मक होती है, बल्कि समाज की जटिलताओं को समझने और उजागर करने की क्षमता रखती है। उनके लेखों में तात्कालिक घटनाओं के विस्तृत विश्लेषण और विचारशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को समाज के विभिन्न पहलुओं पर सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से ऑल इंडिया सैनिक स्कूल्स एंट्रेंस एग्जामिनेशन 2025 के रिजल्ट जारी कर दिए गए हैं। ऐसे में 6 और 9 कक्षा में एडमिशन के लिए हुए एग्जाम में स्टूडेंट्स अपना रिजल्ट NTA की ऑफिशियिल वेबसाइट exams.nta.ac.in/AISSEE पर चेक कर पाएंगे। वहीं इसकी प्रोविजनल आंसर की पहले ही जारी हो चुकी है। वहीं फाइनल आंसर की जारी होने के बाद सैनिक स्कूल के रिजल्ट जारी होंगे। बता दें कि सैनिक स्कूल छात्रों को अनुशासित और सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सैनिक स्कूल में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि कई और चीजें भी सिखाई जाती…
हम सभी के घरों में स्टील, लोहे और एल्युमीनियम के बर्तन मिल जाते हैं। हर बर्तन की अपनी अलग खासियत होती है। वहीं हर मेटल में बने खाने का स्वाद अलग-अलग होता है। जहां पर कुछ बर्तन बल्कि होते हैं, तो कुछ बर्तन भारी होते हैं। हल्के बर्तनों में एल्युमीनियम के भी बर्तन आते हैं, जिनकी खासियत यह होती है कि यह जल्दी गर्म होते हैं और बजट में भी आते हैं। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिनको इन बर्तनों में गर्म करना गलत माना जाता है। कई महिलाएं एल्युमीनियम के बर्तन में चटनी बनाने से लेकर दूध…
मेरे हसबैंड की बीवी कॉमेडी, रोमांस और ड्रामा का एक शानदार मिश्रण है। बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर, रकुल प्रीत सिंह और भूमि पेडनेकर अभिनीत, मुदस्सर अजीज द्वारा निर्देशित यह फिल्म मजाकिया संवाद और विचित्र स्थितियों से भरी हुई है जो दर्शकों को अंत तक मनोरंजन करती है। अपने हल्के-फुल्के हास्य के साथ, यह मल्टी-स्टारर एक मजेदार सिनेमाई अनुभव देने में सफल है। इसे भी पढ़ें: Prajakta Koli अपने मंगेतर Vrishank Khanal के साथ अपनी ड्रीम वेडिंग के लिए तैयार, डेट का किया खुलासाकहानीदिल्ली की पंजाबी फैमिली का मुंडा अंकुर चड्ढा (अर्जुन कपूर ) प्रभलीन कौर (भूमि )से शादी करके अपनी खुशहाल…
छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और संघर्ष की कहानी को बड़े पर्दे पर देखने का हर कोई इंतजार कर रहा था ।छावा फिल्म – एक ऐसी कहानी है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं, लेकिन अब लक्ष्मण उतेकर ने इस कहानी को शानदार तरीके से दर्शकों के सामने पेश किया है। छावा एक ऐतिहासिक फिल्म है, जो सिर्फ एक नायक की नहीं, बल्कि उस समय के हर वीरता और बलिदान की कहानी को बयां करती है।लक्ष्मण उतेकर ने इस फिल्म के जरिए ऐतिहासिक और भावनात्मक कहानी का शानदार मिश्रण प्रस्तुत किया है। फिल्म का हर दृश्य, हर संवाद और हर…
लवयापा मूवी रिव्यू: जुनैद खान और ख़ुशी कपूर की बहुप्रतीक्षित जेनरेशन ज़ेड रोमांटिक-कॉमेडी लवयापा आज (7 फरवरी, 2025) बड़े पर्दे पर आ गई है और लोगों का दिल जीत रही है। इस डिजिटल युग की रोमांस को फैंस से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। लेकिन हमारी राय थोड़ी सी अलग है। फिल्म की कहानी बॉडी शेमिंग, सोशल मीडिया हेरफेर, गैसलाइटिंग और डीपफेक जैसी कई प्रासंगिक समस्याओं को संबोधित करती है, लेकिन किसी भी मुद्दे को अच्छी तरह से उजागर नहीं करती है। इतना ही नहीं, बल्कि मुख्य सितारे भी इस रूटीन रोमांटिक कॉमेडी में अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने में विफल…
एक महिला अपने जीवन में सबसे बड़ा कदम तब उठाती है जब वह ‘मिस’ से ‘मिसेज’ बन जाती है। और इस बदलाव के दौरान उसका हाथ थामने वाला व्यक्ति रिश्ते में ‘मिस्टर’ होता है। लेकिन क्या होगा अगर वह आदमी उसे कभी सही मायने में समझ ही न पाए? क्या होगा अगर वह जिस घर को घर बनाने का सपना देखती है वह कभी उसे अपना न लगे? क्या होगा अगर शादी के लिए उसे अपनी सारी ख्वाहिशें छोड़नी पड़ें? ये कोई काल्पनिक सवाल नहीं हैं; ये अनगिनत महिलाओं के लिए एक कठोर सच्चाई है। ज़ी5 की नवीनतम फ़िल्म मिसेज,…
‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में एक शरारती, विचित्र व्यक्ति की भूमिका निभाने के बाद, शाहिद कपूर बड़े पर्दे पर वापस आ गए हैं, लेकिन इस बार एक गंभीर भूमिका में। देवा में शाहिद कपूर अपने बेहतरीन अंदाज में हैं। उन्होंने इस थ्रिलर को एक ऐसी पटकथा के साथ पेश किया है जो कि फिल्म के कथानक को काफी हद तक बदल देती है। मलयालम फिल्म निर्माता रोशन एंड्रयू की फिल्म देवा में अभिनेता ने पुलिस की वर्दी पहनी है। इसे भी पढ़ें: Bollywood Wrap Up | सुपरस्टार की बेटी Shruti Haasan का ट्रांसफॉर्मेशन देख आंखों पर नहीं होगा यकीन कहानीफिल्म की…
सिद्धभूमि -
एक ऐसे समय में जब प्रिंट एवं मुद्रण अपनी प्रारंभिक अवस्था में था ,समाचार पत्र अपने संसाधनो के बूते निकाल पाना बेहद दुष्कर कार्य था ,लेकिन इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” ने 12 मार्च 1978 को पडरौना (कुशीनगर ) उत्तर प्रदेश से सिद्ध भूमि हिंदी साप्ताहिक का प्रकाशन आरम्भ किया | स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” सीमित साधनों व अभावों के बीच पत्रकारिता को मिशन के रूप में लेकर चलने वाले पत्रकार थे । उनका मानना था कि पत्रकारिता राष्ट्रीय लोक चेतना को उद्वीप्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है । इसके द्वारा ही जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखा जा सकता है । किसी भी संस्था के लिए चार दशक से अधिक का सफ़र कम नही है ,सिद्ध भूमि ने इस लम्बी यात्रा में जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखते हुए कर्मपथ पर अपने कदम बढ़ाएं हैं और भविष्य के लिए भी नयी आशाएं और उम्मीदें जगाई हैं । ऑनलाइन माध्यम की उपयोगिता को समझते हुए सिद्ध भूमि न्यूज़ पोर्टल की शुरुवात जुलाई 2013 में किया गया |
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