भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस में बैठकर एक बार फिर ऐसा सच बता दिया है, जिसे सुनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की आंखे खुद पे खुद नीचे हो जाएंगी। एस जयशंकर ने जो सच बताया है उसे जानते तो डोनाल्ड ट्रंप भी हैं। लेकिन उसे अपने स्वार्थ, अहंकार और दबंगई के चलते सबके सामने इसे मानते नहीं है। लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप का काम आसान कर दिया। एस जयशंकर ने कानों से ईयरफोन हटाया और फिर मुस्कुराते हुए अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा पूरी दुनिया को एक बार फिर दिखा दिया। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त रूस में हैं। एस जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गोई लावरोव से मुलाकात की और फिर उसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देने आए।
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एस जयशंकर से एक पत्रकार ने रूसी भाषा में अमेरिका, अमेरिका की धमकी और तेल को लेकर सवाल पूछा। पहले तो एस जयशंकर ने सवाल को ध्यान से सुना। उसके बाद अपने कानों से ईयरफोन निकाला और जो जवाब दिया। उससे शानदार, सटीक और बोल्ड जवाब कोई नहीं दे सकता। एस जयशंकर ने साफ किया कि आपको सबसे पहले बता देते हैं कि हम रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार नहीं हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार हम नहीं, चीन है। उन्होंने कहा कि हम रूसी एलएनजी के भी सबसे बड़े खरीदार नहीं है, यूरोपीय यूनियन है। 2022 के वह बाद रूस के साथ व्यापार में उछाल वाले देश भी हम नहीं है। वे शायद दक्षिण के कुछ देश हैं। हम अमेरिका से भी तेल खरीद रहे हैं। ट्रंप टैरिफ पर विदेश मंत्री ने ये बातें कहीं। रूस में जयशंकर ने राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री से बात की।
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जयशंकर ने कहा कि हम तो वो देश हैं जो अमेरिका से भी तेल खरीद रहा है और इसकी मात्रा को भी बढ़ा दिया है। जयशंकर ने कहा कि मैं आपको बता दूं कि अमेरिका ने ही हमसे कहा था कि वैश्विक एनर्जी मार्केट को स्थिर रखने के लिए अगर आपको रूसी तेल खरीदना पड़े तो आप खरीद सकते हैं। लेकिन अब देखिए कि अमेरिका के सुर कैसे बदल गए हैं। एस जयशंकर ने सीधे सवाल का सीधा और सटीक उत्तर दिया।
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, उप प्रधानमंत्री डेनिस मांटुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने बताया कि लावरोव से उनकी व्यापार बढ़ाने को लेकर भी बात हुई, जिसमें माना गया कि नॉन टैरिफ़ बैरियर और रेगुलेटरी बाधाओं का समाधान जरूरी है। फार्मास्युटिकल, एग्रीकल्चर और टेक्सटाइल्स में भारत का एक्सपोर्ट बढ़ाने से इसमें इज़ाफ़ा होगा। जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और उप प्रधानमंत्री डेनिस मांटुरोव के साथ हुई बैठकें सकारात्मक रहीं। इंडिया-यूरेशियन इकनॉमिक FTA को लेकर दोनों पक्ष टर्म ऑफ रेफरेंस पर राजी है। परमाणु एनर्जी सहयोग समित एनर्जी, उर्वरक, इंफ्रास्ट्रक्चर, मोबिलिटी, स्किल लेबर पर भी चर्चा हुई।
Moscow | During a press briefing, External Affairs Minister Dr S Jaishankar says, “…We are not the biggest purchasers of Russian oil, that is China. We are not the biggest purchasers of LNG, that is the European Union. We are not the country which has the biggest trade surge… pic.twitter.com/pbH06HtTwK
— ANI (@ANI) August 21, 2025