हरियाणा सरकार पिछले सप्ताह भिवानी में 19 वर्षीय शिक्षिका की मौत के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपेगी।
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में तीसरी बार पोस्टमार्टम किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इससे पहले शिक्षिका के गांव में यह आह्वान किया गया था कि अगर मामले की जांच सीबीआई को नहीं सौंपी गई तो ग्रामीण अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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शिक्षिका की मौत से भारी आक्रोश फैल गया, लोगों ने पहले जिले में सड़कें जाम कर दीं और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सीबीआई जांच की मांग की। गांव के चारों ओर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
शिक्षिका मनीषा का शव 13 अगस्त को भिवानी के एक खेत में मिला था। वह 11 अगस्त को स्कूल से निकलने के बाद एक नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के बारे में कथित तौर पर पूछताछ करने गई थी। इसके बाद से वह लापता थी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को कहा, ‘‘राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन भिवानी की हमारी बेटी मनीषा और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ काम कर रहे हैं।’’
सैनी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘परिवार की मांग के आधार पर हरियाणा सरकार निष्पक्ष जांच के लिए इस मामले को सीबीआई को सौंपने जा रही है। इस मामले में पूरा न्याय किया जाएगा।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिला अधिकारियों ने मनीषा के शव को तीसरी बार पोस्टमार्टम के लिए एम्स, नयी दिल्ली भेजा है।
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इससे पहले, भिवानी सिविल अस्पताल और रोहतक के पीजीआईएमएस अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया था।
भिवानी में शिक्षिका के पैतृक गांव ढाणी लक्ष्मण में धरने पर बैठे निवासियों ने धरने का नेतृत्व करने के लिए एक समिति का गठन किया था। उन्होंने सरकार से सीबीआई से जांच कराने और मृतका का पोस्टमार्टम दिल्ली के एम्स में कराने का आग्रह किया था।
भिवानी में बुधवार को बीकेयू (चरुनी) प्रमुख गुरनाम सिंह चरुनी ने पत्रकारों से कहा कि पोस्टमार्टम दिल्ली के एम्स में किया गया था और सरकार ने सीबीआई को जांच सौंपने का फैसला करके एक और मांग पर भी सहमति व्यक्त की।
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया भी बुधवार को भिवानी पहुंचीं।
उन्होंने कहा कि मनीषा का शव मिलने के बाद से वह मामले के संबंध में पुलिस से नियमित जानकारी ले रही हैं।
हरियाणा सरकार ने शिक्षिका की मौत पर व्यापक जनाक्रोश के बीच मंगलवार को भिवानी और चरखी दादरी जिलों में 48 घंटे (मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे से) के लिए मोबाइल इंटरनेट, ‘बल्क एसएमएस’ और डोंगल सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया था।
पुलिस ने सोमवार को दावा किया कि जांच से पता चला है कि शिक्षिका ने जहर खाकर आत्महत्या की है।
हालांकि, उसके पिता संजय ने मंगलवार को इस निष्कर्ष को खारिज कर दिया और ‘‘न्याय’’ की मांग करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन कह रहा है कि मेरी बेटी ने आत्महत्या की है, लेकिन मैं कह सकता हूं कि वह कभी आत्महत्या नहीं कर सकती। मुझे न्याय चाहिए।’’
शिक्षिका की मौत को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन जारी रहा।
सोमवार को इस मामले में आत्महत्या से पूर्व लिखे गये एक कथित पत्र के सामने आने से जांच का रुख बदल गया।
भिवानी के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने बताया कि कथित पत्र मनीषा के शव के पास एक बैग में मिला। उन्होंने बताया कि बैग में उसका आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज भी थे। उन्होंने यह भी कहा कि मनीषा द्वारा कीटनाशक खरीदने के सबूत भी मिले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘विसरा के नमूने में शरीर में कीटनाशक की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
इसका मतलब है कि यह खुद ही खरीदा गया है और शरीर में जहर पाया गया है।’’
पुलिस ने यह भी कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न की आशंका से इनकार किया गया है।
विपक्षी दलों ने भाजपा नीत राज्य सरकार की आलोचना करते हुए दावा किया कि कथित हत्या भाजपा के शासन में ‘‘कानून-व्यवस्था के ध्वस्त होने’’ का सबूत है।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस की भूमिका ‘‘लापरवाहीपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना’’ रही है और ‘‘पूरे मामले को आत्महत्या साबित करने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास किया जा रहा है।