रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास के बाद से ही लगातार चर्चा में है। इन दोनों खिलाड़ियों ने ऐसा फैसला अचानक से क्यों लिया था इसका फिलहाल, कोई भी कारण सामने नहीं आया। हालांकि, क्रिकेट गलियारे में इसकी चर्चा जरूर हुई क्योंकि रोहित और कोहली अभी कुछ दिन क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप में खेल सकते थे।
कोहली-रोहित के टेस्ट से अचानक संन्यास के बारे में बात करते हुए टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी ने माना कि इन दोनों दिग्गजों को टेस्ट टीम से बाहर किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि कोहली कम से कम दो साल और टेस्ट टीम में बने रह सकते थे, लेकि बाद में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत के सबसे बेहतरीन क्रिकेटरों में से एक को बीसीसीआई ने विदाई तक नहीं दी।
विक्की लालवानी शो में कोहली के अचानक संन्यास के बारे में पूछे जाने पर घावरी ने कहा कि ये एक रहस्य है। उन्हें निश्चित रूप से भारत के लिए आसानी से खेलना जारी रखना चाहिए था शायद अगले कुछ सालों तक, लेकिन मुझे लगता है कि किसी चीज ने उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर किया और दुर्भाग्य से जब उन्होंने संन्यास लिया तो बीसीसीआई ने उन्हें विदाई भी नहीं दी।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए इतना कुछ किया, देश की सेवा की उन्हें शानदार विदाई दी जानी चाहिए थी। वहीं उन्होंने ये भी दावा किया कि रोहित और कोहली दोनों भारतीय टीम प्रबंधन की आंतरिक राजनीति का शिकार हुए हैं। घावरी ने कहा कि ये बीसीसीआई की आंतरिक राजनीति है जिसे समझना मुश्किल है और मुझे लगता है कि उन्होंने समय से पहले संन्यास ले लिया।
करसन ने आगे कहा कि यहां तक कि रोहित शर्मा ने भी समय से पहले संन्यास ले लिया क्योंकि उन्हें बाहर जाने के लिए कहा गया था। उन्होंने अंत में कहा कि ऐसा नहीं है कि वे जाना चाहते थे। वे खेलना जारी रखना चाहते थे, लेकिन चयनकर्ताओं और बीसीसीआई के विचार अलग थे। ये पूरी तरह से सस्ती राजनीति का मामला है। बता दें कि, रोहित और कोहली के वनडे भविष्य को लेकर भी अटकलें तेज हैं।