पाकिस्तान के लिए मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। इस साल पहले भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को पीटा तो उसके बाद वेस्टर्न बॉर्डर्स पर तालीबान की सरकार वाली अफगानिस्तान ने उनका बुरा हाल कर रखा है। इसके बीच पाकिस्तान के अंदर उठ रही बगावत की आवाज ने भी उनकी कमर तोड़ दी है। इन सबके बीच पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा तंत्र से जुड़ा एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। जिसने बुरे दौर से गुजर रहे पाकिस्तान की पोल खोल दी है। दरअसल साल 2025 पाकिस्तान के लिए सबसे बुरा साल साबित हो रहा है। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान को इतनी भारी क्षति हुई है। खुफ़िया एजेंसियों के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक पाकिस्तान के कुल 1100 से ज्यादा सैनिक, पुलिसकर्मी और खुफ़िया अधिकारी मारे गए।
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ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के नुकसान में काफ़ी इज़ाफ़ा किया। 9 और 10 मई के बीच हुए हमलों में एक बड़े मोर्चे को निशाना बनाया गया, जिसमें 11 महत्वपूर्ण वायुसेना ठिकानों और सैन्य ठिकानों के साथ-साथ नियंत्रण रेखा पर 23 ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप 50 से अधिक पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए तथा कम से कम 35 अन्य घायल हो गए, इसके अतिरिक्त पहले के हमलों में भी हताहतों की सूचना मिली थी।
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जनवरी से अक्टूबर 2025 तक के आँकड़े बताते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के अलावा, पाकिस्तान के सुरक्षा प्रतिष्ठान में 195 मौतें हुईं। इन आँकड़ों में सैन्य, पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग के सदस्य शामिल थे, जिनमें से 109 कर्मी घायल हुए और 15 अक्टूबर में कार्रवाई में लापता या पठान/तालिबान समूहों द्वारा बंदी बनाए गए। जारी हिंसा के कारण गैर-घातक चोटों में भी वृद्धि हुई है, जिससे चिकित्सा और रसद संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है। मारे गए लोगों में एक पुलिस अधीक्षक, एक लेफ्टिनेंट कर्नल, तीन मेजर, एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और एक कैप्टन जैसे आठ अधिकारी शामिल हैं। हाल के हफ़्तों में दर्ज हताहतों में दो एसएसजी कमांडो समेत छह सैनिक भी शामिल हैं। ये नुकसान विभिन्न रैंकों और इकाइयों में महसूस किए गए हैं, जो हिंसा की अंधाधुंध प्रकृति और नेतृत्व तथा अग्रिम पंक्ति के कर्मियों, दोनों के सामने आने वाले जोखिमों को उजागर करते हैं। बढ़ती संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है, अनुमान है कि 2025 के अंत तक सुरक्षा बलों की कुल मौतों की संख्या 1,300 से 1,400 के बीच पहुँच सकती है। यह अनुमान मौजूदा रुझानों और हमलों की लगातार बढ़ती दर पर आधारित है। अगर हिंसा की मौजूदा गति जारी रही, तो अंतिम संख्या इन अनुमानों को भी पार कर सकती है, जिससे 2025 देश की स्थापना के बाद से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के इतिहास का सबसे ख़तरनाक साल बन जाएगा।
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तहरीक तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी नाम का आतंकी संगठन अफगानिस्तान से घुसपैठ करता है और पाकिस्तान पर हमले करता है। जनवरी से अक्टूबर तक इन मामलों में 195 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। अक्टूबर में ही 195 सैनिक मारे गए। 109 घायल हुए हैं और 15 लापता या युद्धबंदी बने हैं। इनमें आठ अधिकारी जो कि एसपी, एक लेफ्टिनेंट कर्नल, तीन मेजर, एक जीसीओ और एक कैप्टन शामिल है। अभी पिछले हफ्ते ही छह सैनिक शहीद हुए जिनमें दो एसएसजी कमांडोज़ थे।
