ताइवान की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक कंपनी फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु स्थित अपने नए कारखाने में आईफोन-17 का विनिर्माण शुरू कर दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह फॉक्सकॉन की दूसरी सबसे बड़ी विनिर्माण इकाई है।
इस कारखाने में फिलहाल आईफोन-17 को छोटे पैमाने पर बनाया जा रहा है।
फॉक्सकॉन पहले से चेन्नई स्थित अपने कारखाने में भी आईफोन-17 बना रही है। कंपनी ने अभी तक इस बारे में आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
फॉक्सकॉन आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
चीन के बाहर उसका दूसरा सबसे बड़ा कारखाना बेंगलुरु के पास देवनहल्ली में बनाया जा रहा है, जिस पर लगभग 2.8 अरब डॉलर (25,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया जा रहा है।
एक जानकार सूत्र ने बताया, फॉक्सकॉन के बेंगलुरु स्थित कारखाने में आईफोन-17 बनना शुरू हो गया है।
एप्पल और फॉक्सकॉन को इस संबंध में भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
आईफोन-17 का उत्पादन कुछ समय के लिए बाधित हो गया था क्योंकि सैकड़ों चीनी इंजीनियर अचानक वापस लौट गए थे।
हालांकि, फॉक्सकॉन ने इस कमी को पूरा करने के लिए ताइवान समेत कई जगहों से विशेषज्ञों को बुला लिया है।
कई सूत्रों के अनुसार, एप्पल की योजना है कि वह इस साल आईफोन उत्पादन को बढ़ाकर छह करोड़ इकाई करने की है, जो वर्ष 2024-25 में करीब 3.5 से चार करोड़ इकाई था।
एप्पल ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष में भारत में करीब 22 अरब डॉलर मूल्य के 60 प्रतिशत अधिक आईफोन असेंबल किए थे।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टिम कुक ने 31 जुलाई को वित्तीय परिणामों की घोषणा के बाद कहा कि जून, 2025 में अमेरिका में बिके अधिकांश आईफोन भारत से आयातित हैं।
कुक ने दूसरी तिमाही के परिणामों पर चर्चा के दौरान घोषणा की थी कि जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन भारत से भेजे जाएंगे।
दूसरी तिमाही में एप्पल की भारत में आपूर्ति सालाना आधार पर 19.7 प्रतिशत बढ़ गई।
इस तरह देश के स्मार्टफोन बाजार में उसकी हिस्सेदारी 7.5 प्रतिशत रही। आईडीसी के अनुसार, जून तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में चीन की कंपनी वीवो 19 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रही।