भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को शनिवार को धोखाधड़ी पर आधारित एक राजनीतिक स्टार्टअप बताया और पूर्व चुनाव रणनीतिकार पर फर्जी कंपनियों के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये जुटाने का आरोप लगाया।
इससे एक दिन पहले किशोर ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया था।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने किशोर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन की अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने का आरोप लगाया और पूछा, उनकी पार्टी अब भी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल पार्टियों द्वारा शासित राज्यों से धन क्यों प्राप्त कर रही है?”
इकबाल ने आरोप लगाया, पश्चिम बंगाल से 370 करोड़ रुपये से अधिक आए हैं, जहां उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के लिए काम किया था। इसके अलावा, किशोर को तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों से भी भारी धनराशि मिल रही है।
इकबाल ने कहा, “किशोर बिहार में जंगलराज की वापसी का रास्ता साफ कर रहे हैं। उनकी जन सुराज पार्टी धोखाधड़ी पर आधारित एक राजनीतिक स्टार्टअप है। वे दर्जनों फर्जी कंपनियों के जरिये सैकड़ों करोड़ रुपये जुटा रहे हैं, जिनसे उनके परिवार के सदस्य और उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के रिश्तेदार जुड़े हैं। उनकी पार्टी ने राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों से भी 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम इकट्ठा की है।
