संयुक्त अरब अमीरात की तर्ज पर मीडिल ईस्ट के एक और बड़े देश ने एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि यूएई हर क्षेत्र में अमीरातीकरण (नौकरियों में अपने नागरिकों की संख्या बढ़ाना) को बढ़ावा दे रहा है। अब यूएई के बाद कुवैत ने भी एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। कुवैत के न्याय मंत्री, काउंसलर नासिर अल-सुमैत ने पुष्टि की है कि देश की न्यायपालिका 2030 तक पूरी तरह से कुवैतीकृत हो जाएगी, जिसका अर्थ है कि सभी न्यायिक पद, जो वर्तमान में कभी-कभी विदेशी कर्मचारियों के पास होते हैं, योग्य कुवैती नागरिकों द्वारा ग्रहण किए जाएँगे। यह पहल स्थानीय प्रतिभाओं को मज़बूत करने, राष्ट्रीय पेशेवरों को सशक्त बनाने और विधि क्षेत्र के आधुनिकीकरण हेतु व्यापक सुधारों का एक प्रमुख स्तंभ है। मध्य-पूर्वी देश के प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर, विशेष रूप से तेल और तकनीकी क्षेत्र से कहा जा रहा है कि वो देश के नागरिकों को अधिक से अधिक संख्या में नौकरी दें।
पहले UAE और अब कुवैत, क्या किया ऐसा? भारतीयों पर होगा सीधा असर
सिद्धभूमि के लेखक एक प्रमुख समाचार लेखक हैं, जिन्होंने समाज और राजनीति के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहरी जानकारी और विश्लेषण प्रदान किया है। उनकी लेखनी न केवल तथ्यात्मक होती है, बल्कि समाज की जटिलताओं को समझने और उजागर करने की क्षमता रखती है। उनके लेखों में तात्कालिक घटनाओं के विस्तृत विश्लेषण और विचारशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को समाज के विभिन्न पहलुओं पर सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
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सिद्धभूमि -
एक ऐसे समय में जब प्रिंट एवं मुद्रण अपनी प्रारंभिक अवस्था में था ,समाचार पत्र अपने संसाधनो के बूते निकाल पाना बेहद दुष्कर कार्य था ,लेकिन इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” ने 12 मार्च 1978 को पडरौना (कुशीनगर ) उत्तर प्रदेश से सिद्ध भूमि हिंदी साप्ताहिक का प्रकाशन आरम्भ किया | स्वर्गीय श्री शयाम सुन्दर मिश्र “प्रान ” सीमित साधनों व अभावों के बीच पत्रकारिता को मिशन के रूप में लेकर चलने वाले पत्रकार थे । उनका मानना था कि पत्रकारिता राष्ट्रीय लोक चेतना को उद्वीप्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है । इसके द्वारा ही जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखा जा सकता है । किसी भी संस्था के लिए चार दशक से अधिक का सफ़र कम नही है ,सिद्ध भूमि ने इस लम्बी यात्रा में जनपक्षीय सरोकारो को जिन्दा रखते हुए कर्मपथ पर अपने कदम बढ़ाएं हैं और भविष्य के लिए भी नयी आशाएं और उम्मीदें जगाई हैं । ऑनलाइन माध्यम की उपयोगिता को समझते हुए सिद्ध भूमि न्यूज़ पोर्टल की शुरुवात जुलाई 2013 में किया गया |
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