र पंद्रह अक्टूबर तक लापता हुए 19,682 व्यक्तियों में 61 प्रतिशत (11,917) महिलाएं हैं। यह जानकारी दिल्ली पुलिस के आंकड़े से मिली। 
 आंकड़े से यह भी पता चलता है कि लापता महिलाओं का अनुपात लगातार अधिक बना हुआ है, जिससे शहर में लैंगिक असंतुलन की दीर्घकालिक प्रवृत्ति जारी है।
इससे पता चला कि लापता व्यक्तियों में 39 प्रतिशत (7,765) पुरुष थे। कुल लापता व्यक्तियों में से 55 प्रतिशत (10,780) का पता लगा लिया गया है जिनमें 61 प्रतिशत (6,541) महिलाएं और 39 प्रतिशत (4,239) पुरुष हैं।
आंकड़े के अनुसार लापता व्यक्तियों में 25 प्रतिशत (4,854) बच्चे और 75 प्रतिशत (14,828) वयस्क थे। 
आंकड़े के अनुसार, जिन व्यक्तियों का पता लगाया गया, उनमें 31 प्रतिशत (3,337) बच्चे और 69 प्रतिशत (7,443) वयस्क थे।
आंकड़े से यह बात भी सामने आयी कि लापता व्यक्तियों में महिलाएं और लड़कियां सबसे अधिक प्रभावित वर्ग हैं।
इसके अनुसार लापता हुए 4,854 बच्चों में 72 प्रतिशत (3,509) लड़कियां और 28 प्रतिशत (1,345) लड़के थे, जबकि वयस्कों में 57 प्रतिशत (8,408) महिलाएं और 43 प्रतिशत (6,420) पुरुष थे।
आंकड़े से पता चलता है कि किशोर लड़कियां संख्या और अनुपात दोनों के लिहाज से विशेष रूप से जोखिम में हैं।
पिछले साल, शहर में 24,893 व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिनमें से 59 प्रतिशत (14,752) महिलाएं और लड़कियां थीं। 
इनमें से 61 प्रतिशत (15,260) का पता लगा लिया गया।
आंकड़े के अनुसार वर्ष 2015 से 2025 तक के दशकीय विश्लेषण से पता चला है कि पिछले दस वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 2.51 लाख लोग लापता हुए, जिनमें 56 प्रतिशत (1,42,037) महिलाएं और 44 प्रतिशत (1,09,737) पुरुष शामिल हैं।
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