फिल्में जहां कई बार लोगों को अच्छी बात सिखाती है वहीं आजकर की बन रही वेब सीरीजें और फिल्में कई लोगों को अपराध के रास्ते पर चलना भी सिखा रही हैं। एक फिल्म में जिस तरह से फर्जी ऑफिसर बनकर करोड़ों का चूना लगाने वाले ठगों का दिखाया गया। अब वैसी ही एक घटना दिल्ली में भी घटी है। पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में बुधवार को कुछ लोगों ने, जिनमें एक महिला भी शामिल थी, खुद को केंद्रीय जाँच ब्यूरो का अधिकारी बताकर एक व्यापारी के दोस्त और कर्मचारी से 2.3 करोड़ रुपये लूट लिए।
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उन्होंने दोनों व्यक्तियों का अपहरण भी कर लिया और उन्हें अलग-अलग जगहों पर छोड़ दिया। पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर उनके पास से 1.08 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। राष्ट्रीय राजधानी के विवेक विहार में एक महिला समेत लुटेरों के एक गिरोह ने कथित तौर पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी बनकर एक व्यापारी के कार्यालय से लगभग 2.3 करोड़ रुपये लूट लिये। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता मनप्रीत गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी हैं और वित्त, प्रॉपर्टी डीलिंग तथा निर्माण कार्य से जुड़े हैं। पुलिस ने कहा कि मनप्रीत का कहना है कि विवेक विहार स्थित इमारत में लगभग 2.5 करोड़ रुपये की व्यावसायिक कमाई रखी थी।
उन्होंने 19 अगस्त को अपने दोस्त रविशंकर से कहा कि वह वहां से 1.10 करोड़ रुपये लेकर उनके आवास आए।
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पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने कहा, ‘‘जैसे ही शंकर नकदी से भरा बैग लेकर बाहर निकला, दो कारों में एक महिला समेत चार लोगों ने उसे रोक लिया और खुद को सीबीआई अधिकारी होने का दावा किया। उन्होंने उसके साथ मारपीट की और बैग छीन लिया।’’
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने कथित तौर पर शंकर को उन्हें संपत्ति के अंदर ले जाने के लिए मजबूर किया, जहां उन्होंने मनप्रीत के कर्मचारी दीपक माहेश्वरी की पिटाई की और वहां रखी शेष नकदी लूट ली।
पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया, जिनकी पहचान एनजीओ के सचिव और असम के मूल निवासी पापोरी बरुआ (31) और तुगलकाबाद निवासी दीपक (32) के रूप में हुई।