छठ पूजा त्योहार के दौरान दिल्ली की यमुना नदी में गंभीर जल प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार और विपक्षी आम आदमी पार्टी के बीच राजनीतिक टकराव छिड़ गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह एक दिन की बात नहीं है। मैं बस आकर यह नहीं कह सकती कि मैंने यमुना को साफ कर दिया है। नहीं, इसमें समय लगेगा।’ रिपोर्ट में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के आंकड़ों पर प्रकाश डाला गया है, जो आईटीओ पुल पर जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बीओडे) 20 मिलीग्राम प्रति लीटर दिखाता है, जो तीन की सुरक्षित सीमा से लगभग सात गुना अधिक है। दिल्ली के प्रमुख सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व वाली आप ने भाजपा पर बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए ‘नकली घाट’ बनाने का आरोप लगाया है, एक आरोप जिसे सत्तारूढ़ पार्टी ने नकार दिया है।
इसे भी पढ़ें: छठ पूजा के बाद घर वापसी की चिंता खत्म! रेलवे ने चलाईं स्पेशल ट्रेनें, बुक करें टिकट
‘आप’ नेता छठ पर्व के दौरान यमुना प्रदूषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वर्मा ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने नौ और 20 अक्टूबर को पल्ला, वजीराबाद बैराज, ओखला बैराज, आईटीओ और यमुना नहर सहित आठ स्थानों से यमुना नदी के पानी के नमूने एकत्र किए। उन्होंने बताया कि इस साल निजामुद्दीन में यमुना में ‘फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया’ की सांद्रता घटकर 7,900 यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर रह गई है जबकि पिछले साल यह 11 लाख यूनिट प्रति 100 मिलीलीटर थी। वर्मा ने कहा कि इसी तरह पल्ला में यह संख्या 920 से घटकर 600, वजीराबाद में 16,000 से घटकर 800 और आईटीओ में 35,000 से घटकर 7,000 रह गई।
इसे भी पढ़ें: डूबते सूर्य को दिया गया अर्घ्य, छठी मैया के जयघोष से गूंज उठा पूरा देश, हर घाट पर उमड़ी आस्था की लहर
मंत्री ने कहा, वे (विपक्ष) हैरान हैं क्योंकि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली हमारी सरकार बहुत काम कर रही है और महिलाएं छठ के उत्सव की तैयारियों की प्रशंसा कर रही हैं।” वर्मा ने बताया कि आईएसबीटी से एकत्र किए गए पानी के नमूनों में भी सुधार देखा गया है और इस साल बैक्टीरिया की संख्या घटकर 8,000 रह गई है, जो 2024 में 28,000 थी। उन्होंने बताया कि ‘फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया’ की सांद्रता ओखला में 18 लाख से घटकर 2,700 और आगरा नहर में 22 लाख से घटकर 1,600 रह गई है। मंत्री ने आरोप लगाया, “आप’ की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज समेत पार्टी के नेता यमुना प्रदूषण का मुद्दा उठा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि ‘आप’ सरकार के शासनकाल में इस पर डीपीसीसी की कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई।” ‘आप’ के सौरभ भारद्वाज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में 23 अक्टूबर की डीपीसीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि यमुना का पानी ‘नहाने लायक भी नहीं’ है और इसमें ‘खतरनाक मात्रा में मानव अपशिष्ट’ मौजूद है।
