देश में केवल करीब 10 प्रतिशत परिवार ही प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, जबकि 63 प्रतिशत परिवार कम-से-कम एक बाजार उत्पाद से अवगत हैं। बाजार नियामक सेबी के एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष सामने आया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सर्वेक्षण के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत परिवार निवेश कर रहे हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा मात्र छह प्रतिशत है।
राज्यों के मामले में दिल्ली 20.7 प्रतिशत निवेशक परिवारों के साथ शीर्ष पर है जबकि गुजरात के 15.4 प्रतिशत परिवार बाजार उत्पादों में निवेश करते हैं।
प्रतिभूति ऐसा वित्तीय साधन है जो निवेशक को किसी कंपनी या सरकारी प्रारूप में पैसा लगाने और उस निवेश पर लाभ पाने का मौका देता है। इसमें शेयर, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड शामिल होते हैं।
इस सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 36 प्रतिशत निवेशकों को ही प्रतिभूति बाजार का मध्यम स्तर का ज्ञान है।
इस सर्वेक्षण का एक दिलचस्प पहलू यह है कि करीब 80 प्रतिशत परिवार पूंजी सुरक्षित रखने को ऊंचे रिटर्न से कहीं ज्यादा तरजीह देते हैं। जोखिम से बचने वाला यह रुझान जेन-जेड परिवारों में भी 79 प्रतिशत तक देखा गया।
सेबी ने कहा कि जटिल निवेश उत्पाद, पर्याप्त जानकारी की कमी, भरोसे का अभाव और नुकसान होने का डर परिवारों को बाजार में व्यापक भागीदारी की राह में प्रमुख बाधा हैं।
सर्वेक्षण में 90,000 से अधिक परिवारों को शामिल किया गया जो 400 शहरों और 1,000 गांवों से ताल्लुक रखते हैं। इसमें निवेशकों, गैर-निवेशकों, संभावित निवेशकों और मध्यस्थ इकाइयों की राय ली गई।
रिपोर्ट कहती है कि वित्तीय शिक्षा के लिए सोशल मीडिया, मोबाइल ऐप और छोटे वीडियो खासकर युवाओं में लोकप्रिय हैं जबकि बुजुर्ग सदस्य लेख, पॉडकास्ट और कार्यशालाओं को प्राथमिकता देते हैं।
सेबी ने कहा कि यह सर्वेक्षण निवेशक शिक्षा, भरोसा बढ़ाने और स्थानीय भाषाओं में जागरूकता पर जोर देकर प्रतिभूति बाजार को अधिक समावेशी बनाने में मदद करेगा।
