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कम्युनिकेशन टुडे की 95 वीं वेबिनार ‘अवसाद एवं आत्महत्या : कारण एवं निराकरण’ (Depression and Suicide: Causes & Prevention) विषय पर आयोजित

जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक कम्युनिकेशन टुडे की 95 वीं वेबिनार ‘अवसाद एवं आत्महत्या : कारण एवं निराकरण’ (Depression and Suicide: Causes & Prevention) विषय पर 23 सितंबर 2023 को आयोजित की गई।

वेबीनार को संबोधित करते हुए गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज में समाजशास्त्र विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ज्योति सिराणा ने कहा कि आज व्यक्ति आत्म केंद्रित होता चला जा रहा है। परिवार से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में पारस्परिक संवाद की कमी के कारण युवाओं में आत्मविश्वास की कमी और असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। शीघ्र ही धन कमाने की लालसा और शिक्षा के बाज़ारीकरण ने उनके मन में क्रोध, कुंठा, आक्रामकता जैसे नकारात्मकता भावों को भर दिया है। उनमें संघर्ष क्षमता धीरे-धीरे घटने लगी है। उनका मानना था कि हम ‘रिस्क सोसाइटी’ की ओर बढ़ रहे हैं जहां ‘कैसे सोचें ‘ की प्रवृत्ति हावी है ‘क्या सोचे’ की नहीं।‌

दैनिक हिंदू की पूर्व डिप्टी एडिटर तथा पब्लिक हेल्थ कम्युनिकेटर आरती धर का मानना था कि हमने मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के अंतर संबंध को अभी तक नहीं समझा है।

आत्महत्या संबंधी रिपोर्टिंग में केवल पुलिस के वक्तव्य ही प्रमुखता से प्रकाशित होते हैं। उन्होंने मीडिया को सेंसटाइज करने की आवश्यकता महसूस करते हुए हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय प्रेस परिषद की ओर से 2008 और 2019 में तैयार किए गए दिशा निर्देशों का संदर्भ देते हुए मीडिया रिपोर्टिंग मैं सतर्कता और सावधानी बरतने की अपेक्षा की।

उन्होंने कहा कि अंडमान निकोबार तथा सिक्किम जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर आत्महत्या की प्रवृत्ति अधिक है जबकि बिहार जैसे राज्यों में आत्महत्या की प्रवृत्ति कम दिखाई देती है । उन्होंने इन मुद्दों पर विशेष शोध करने की आवश्यकता महसूस की।

चर्चा में कोटा के कोचिंग संस्थानों में युवाओं द्वारा आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता प्रकट की गई तथा इन संस्थानों में एक ऐसी शिक्षा पद्धति और अनुशासन पर बल दिया गया जो विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रवृत्ति को विकसित करे। राजस्थान विश्वविद्यालय के कला संकाय की पूर्व अधिष्ठाता प्रो जोया चक्रवर्ती सहित, पायल दास, भुवनेश्वर के विधु भूषण दास, भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली के प्रो राकेश गोस्वामी ,पुणे के शोधार्थी जयवीर सिंह, गुजरात के 12वीं कक्षा के छात्र निमिष राठौर आदि ने भी सार्थक हस्तक्षेप करते हुए विषय के विविध पक्षों पर अपने अनुभव साझा किए।

तकनीकी पक्ष आईआईएमटी यूनिवर्सिटी , मेरठ की मीडिया शिक्षक डॉ पृथ्वी सेंगर ने संभाला। इस वेबिनार में देश-विदेश के 298 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। सभी प्रतिभागी अपना प्रमाण पत्र हमारी वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। ये सर्टिफिकेट शीघ्र ही अपलोड किए जाएंगे।

 

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