पूर्व सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को कहा कि भारत की नीति के मद्देनजर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक बहुत अहम मोड़ साबित हुआ है।
मुंबई में ‘सीएनबीसी-टीवी18 ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025’ को संबोधित करते हुए, जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवादियों और आतंकवाद को प्रायोजित करने वालों के बीच कोई अंतर नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक हमारे देश की नीति का सवाल है, ऑपरेशन सिंदूर एक बहुत बड़ा मोड़ साबित हुआ है। इसने दुनिया को दिखाया है कि हमारे पास न केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति है, बल्कि हमारे लिए आवश्यक किसी भी कार्रवाई या अभियान को अंजाम देने की सैन्य क्षमता भी है।’’
पूर्व सेना प्रमुख ने ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों जैसे उभरते क्षेत्रों में क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
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पूर्व सेना प्रमुख ने ड्रोन और मानवरहित प्रणालियों जैसे उभरते क्षेत्रों में क्षमताओं को मज़बूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। जनरल नरवणे ने कहा कि रोमन जनरल वेजेटियस का यह कथन, “यदि आप शांति चाहते हैं, तो युद्ध के लिए तैयार रहें”, उनके पसंदीदा उद्धरणों में से एक है। कनाडा में पूर्व राजदूत विकास स्वरूप ने कहा कि यह अभियान सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध “दस्तावेजों से निर्णायक बल” की ओर एक बदलाव था।
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उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तनाव कम करने के दावों के बावजूद, बाहरी मध्यस्थता के विरुद्ध भारत के रुख की भी पुष्टि की। पहलगाम आतंकवादी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी, के बाद 7 मई, 2025 को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सुनियोजित प्रतिक्रिया को प्रदर्शित किया और पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों के मुख्यालयों, प्रशिक्षण केंद्रों और लॉन्चपैडों को नष्ट करना सुनिश्चित किया।
