CRIME

हरियाणा के नूंह में 100 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 28,000 मामलों का पता चला

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हरियाणा के नूंह में 100 करोड़ की साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश, 28 हजार मामलों का पता चला




रतपुर जिले से सिगरेट मिला
नौंह (मेवात)। हरियाणा पुलिस ने नूंह में साइबर जालसाजों के ठ… भ ग 100 ये महाठग फर्जी सिम लोगों से ठगी करते हैं। फर्जी बैंक खातों में राशि डालें। ताकि पुलिस इन तक ना पहुंच सके। धानी, दिल्ली और यूपी से लेकर अंडमान निकोबार तक ल ओगों को निशाना बनाया जा चुका है। 28 000 केस ट्रेस
क्लोज 102 ग्रुप ने जिले के 14 गांवों में एक अभिलेख की था। 125 संदिग्ध हैकर्स को हिरासत में लिया गया था। 66 उनकी पहचान की गई। 7 से 11 दिन की रिमांड पर लिया गया।
पूरे मामले का परदाफाश करने के लिए पुलिस महान 40 साइबर विशेषज्ञों की टीम त अय्यर की। साइबर अपराधियों से लगातार पूछताछ की गई। Close बा रे में जानकारी प्राप्त करने की। क एनपीसीआई ने छोड़ दिया।
1346 मामला दर्जः
Close 28000 भोले-भाले लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया जाता है। पहले से ही 1346 । बंद करना
219 बैंक और 140 यू खाता खातों का इस्‍त ईमालः
जांच में निजी औबल के 219 खाते और 140 दोबारा सामने आए। इनमें साइबर ठगी का इस्तेमाल किया जा रहा था। ।। धार कार्ड, पैन कार्ड ऐसे करवाकर ठगी की जा रही थी। टेलीकॉम प्राधिकरण के हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा देश, दिल्ली, तमिलनाडु 347 का भी पता चलता है। इनका उपयोग ये एस साइबर क् लाइक के क क लाइक हे थे।।।। जांच के दौरान फर्जी सिम और बैंक खाते का स्रोत मुख्य रूप से राजस्था गया है।
18 से 35 साल, ग्रुप में करते हैं कामः
एसपी ने बताया कि नूंह जिले में 4 घंटे दर्ज करने वाले 250 हो गए हैं। इनमें से 20 दिन, 19 महीने, 211 दिन आना के हैं। साइबर अपराधियों की उम्र 18-35 साल है। 3-4 व्यक्तियों के समूह में काम करते थे। और देखें। साइबर अपराधी नकद निकासी मैन सर्विस सेंटर का इस्तेमाल करते थे। जबकि कुछ अन्य इसके विभिन्न गांवों में एटीएम का उपयोग करते थे।
ऐसे सावधान रहें साइबर ठगीः
ये जालसाज सोशल मीडिया से नटराज पेन की पैकेजिंग से संबेंक्स रॉम होम का विज्ञापन पोस्ट करते थे। 30,000 रुपये की कमाई का वादा करते हैं और पंजीक रण शुल्क, पैकिंग सामग्री होने भोले-भाले लोगों को ठगते थे। साइबर नेटवर्क आपके द्वारा देखे गए रैंडफिल की जांच करते हैं। s पर दर्ज करवा सक्षम।
ताथा। फिर वे फर्जी भुगतान संदेश भेजते थे और इससे पहले कि पीड़ित कुछ गलत खाते खाते में ट्रांसफर कर लेते थे। लोगों से बड़ी रकम ठगी गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रोफाइल बनाकर सेक्सटोरशऩ में। वरीयताएँ, … थे।

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