पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्वरा भास्कर जमात-ए-इस्लामी से जुड़े IAMC के कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसने भारत को ब्लैकलिस्ट करने की पैरवी की थी
बाल कृष्ण मिश्र, नई दिल्ली
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, आर्कबिशप पीटर मचाडो सहित अन्य लोगों को भारतीय गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर पर ‘भारत के बहुलवादी संविधान की रक्षा’ नामक एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था । कार्यक्रम में मैसाचुसेट्स के सीनेटर एड मार्के, रेप, जिम मैकगवर्न, रेप एंडी लेविन, अमीनाह गुरीब-फाकिम, मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति और नादिन मेन्ज़ा शामिल थे ।
डिसइन्फो लैब द्वारा हाल ही में किए गए एक खुलासे के अनुसार, IAMC ने USCIRF (यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम) द्वारा भारत को ब्लैक-लिस्ट करने के लिए यूएसए में लॉबी समूहों को कथित रूप से पैसे दिए हैं। डिसइन्फो लैब ने यह भी आरोप लगाया है कि समूह के आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लामी के साथ भी संबंध हैं। पता चला है कि IAMC के संस्थापक शेख उबैद ने पहले ‘बर्मा में मुसलमानों के नरसंहार को रोकने के लिए’ फंड इकट्ठा किया था। ‘मानवाधिकारों से संबंधित मुद्दों’ पर बर्मा, चीन और भारत पर प्रतिबंध कानून को बढ़ावा देने के लिए फिदेलिस गवर्नमेंट रिलेशंस (FGR) और फर्स्ट प्रिंसिपल्स स्ट्रैटेजीज की मदद से IAMC ने कुल 4 लाख ,12,000 अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि FGR के प्रमुख टेरी एलन USCIRF के अध्यक्ष नादिन मेंज़ा के लंबे समय से सहयोगी हैं, जिसने इस आयोजन में भी भाग लिया | IAMC ने ‘धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों’ की पुष्टि करने के लिए ‘भारत में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के मुद्दों’ से लड़ने के लिए सत्तारूढ़ भारत सरकार के खिलाफ बार-बार रुख अपनाया है। हालाँकि, अपने दावे के विपरीत, संगठन को 2013 में भी भारत के खिलाफ पैरवी करते हुए पाया गया था |