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लाइब्रेरी प्रोफेशनल फाउंडेशन के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विदेशों से भाग लिया*

 

लाइब्रेरी प्रोफेशनल्स फाउंडेशन (LPF) ने 10 अप्रैल, 2025 को सफलतापूर्वक एक ऑनलाइन विश्वव्यापी सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें शोध छात्रों और पुस्तकालय पेशेवरों ने उत्सुकता से भाग लिया। सम्मेलन का फोकस लाइब्रेरी सूचना सेवाओं और प्रौद्योगिकी में नए विकास पर था। (CILIST-25) लाइब्रेरी प्रोफेशनल्स फाउंडेशन (LPF) के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार झरोटिया, जिन्होंने सम्मेलन की शुरुआत में उद्घाटन भाषण दिया, भारत मे सबसे पहले वेब सम्मेलन का आयोजन भी 2015 में उन्होंने ही किया था जिसके लिए उन्हें कई अवार्ड्स भी मिले हैं इस इंटरनेशनल सम्मेलन में लाइब्रेरी प्रोफेशनल फाउंडेशन के जनरल सेक्रेटरी श्री गुलशन सचदेवा द्वारा सम्मेलन के लिए उन्होने एकत्र किए गए 87 शोधपत्रों में से केवल 65 को ही प्रकाशन के लिए चुना।
तीस से अधिक शोध शिक्षाविदों और पुस्तकालय पेशेवरों ने देश-विदेश से अपने शोधपत्र प्रस्तुत करने के लिए Microsoft 365 वेब ऐप का उपयोग किया।
कार्यक्रम की पहली वक्ता AICTE की पूर्व लाइब्रेरियन श्रीमती मंजू कांत थीं उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया जिसका आज के समय हर क्षेत्र मे बहुत उपयोग हो रहा है, उनका शोध सार्वजनिक पुस्तकालयों पर केंद्रित था।

पहचान के सूत्र: स्वतंत्रता से अमृत काल तक भारतीय पुस्तकालयाध्यक्षों की वेशभूषा और सामाजिक छवि की यात्रा का पता लगाना, दूसरे वक्ता, डॉ. दीपक श्रीवास्तव का विषय था जो संभागीय पुस्तकालयाध्यक्ष, राज्य सार्वजनिक पुस्तकालय, राजस्थान में कार्यरत है, उनका विषय इतना अनोखा और उत्कृष्ट था कि पुस्तकालय विशेषज्ञों ने इस पर पूरा ध्यान दिया।

आयरलैंड के इंजीनियर गौरव जोशी तीसरे वक्ता थे। उन्होंने अत्याधुनिक पुस्तकालय प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों पर चर्चा की। पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली पर उनकी प्रस्तुति उत्कृष्ट थी, और वे इंजीनियरिंग नेतृत्व के विशेषज्ञ भी हैं।

श्रीलंका की सुश्री एच.डब्ल्यू. कुसाला सजीवानी चौथी वक्ता थीं, और उन्होंने डिजिटल युग में मीडिया पुस्तकालयों के अभिनव मूल्य के बारे में एक उत्कृष्ट व्याख्यान दिया। वह श्रीलंका के पुस्तकालय विज्ञान समुदाय में काफी शामिल हैं।
नेपाल के वरिष्ठ पुस्तकालयाध्यक्ष श्री राजेंद्र नेउपना पांचवें वक्ता थे। उन्होंने कोहा सॉफ्टवेयर और नेपाल में इसका उपयोग के बारे में एक व्याख्यान दिया। श्री राजेन्द्र अब कनाडा में नेपाल की सरकार द्वारा भेजे गए है और वहीं से उन्होंने अपना लेक्चर दिया |

एलपीएफ के कार्यकारी सदस्य श्री मुकेश सचदेवा के अनुसार, इस ऑनलाइन सम्मेलन में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और डिजिटल सर्टिफिकेट प्राप्त किए।

डॉ. राजू जी, गिरीश चंद्र भट्ट, डॉ. एच नयना और भाग्य श्री को इस सम्मेलन में “सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुतकर्ता पुरस्कार” दिया गया, और सभी प्रस्तुतकर्ताओं (Speakers) को “एलपीएफ स्पीकर पुरस्कार” दे कर सम्मानित किया गया l

शिवम पचौरी, डॉ. ज्योति गुप्ता, निहारिका शर्मा और नसरीन बानो शेख को “सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार” दिया गया।

निर्मय, रिया मित्तल, आयुष गंभीर और दीपांशु सिंह को “सम्मेलन समन्वयक” का अवार्ड दिया गया। डॉ. अनिल झरोटिया ने संगोष्ठी की संपादित पुस्तक का विमोचन किया और इस विशाल आयोजन को सफल बनाने के लिए देश- विदेश के गेस्ट स्पीकरो और सभी लाइब्रेरी प्रोफेशनल को धन्यवाद दिया!

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