कनेक्ट 360 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में परंपरा, नवाचार और सततता पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया गया
के. आर. मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम और जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान से किया गया आयोजन

गुरुग्राम, 17 अप्रैल 2025: के. आर. मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम और जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय कनेक्ट 360 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 15 से 17 अप्रैल 2025 के बीच संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य सततता, नवाचार और भारतीय ज्ञान प्रणाली के बीच संवाद को प्रोत्साहित करना था। इस सम्मेलन ने विचारशील संवाद, शोध और नवाचार का एक भव्य संगम प्रस्तुत किया। यह सम्मेलन भारत की पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को वैश्विक विमर्श में स्थान देने, मीडिया, डिज़ाइन और संचार के माध्यम से इसके नवाचारात्मक उपयोग और सतत विकास की दिशा में नई संभावनाएं तलाशने हेतु समर्पित था। उद्घाटन समारोह में प्रो. (डॉ.) अमित चावला, डीन, एसजेएमसी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत और सम्मेलन की महत्ता पर प्रकाशा डाला। केआरएमयू के कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह ने कनेक्ट 360 सम्मेलन में उद्घाटन भाषण में 360-डिग्री दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें सततता के पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं को एकजुट किया जाए। उन्होंने मीडिया की भूमिका को भी अहम बताया, जिसमें जिम्मेदार संवाद और सत्यनिष्ठता की आवश्यकता है। ती
तीन दिवसीय कनेक्ट 360 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए, जिनमें प्रो. एफ. बी. खान, प्रो. विलियम एल. गैन्नन और डॉ. के. जी. सुरेश, प्रो अनुभूति यादव, प्रो. अमरीष ने सततता, मीडिया की भूमिका और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के महत्व पर विचार प्रस्तुत किए। इस दिन का एक प्रमुख आकर्षण था छात्रों द्वारा प्रस्तुत शोध पत्र, जिसमें भारतीय और वैश्विक चुनौतियों पर गहन शोध प्रस्तुत किया गया। इस सम्मेलन का दूसरे दिन का आयोजन जामिया मिलिया इस्लामिया के डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन एंड इनोवेशन में आयोजित किया गया, सम्मेलन के दौरान प्रो. मज़हर आसिफ, जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति ने भारतीय गांवों में निहित पारंपरिक ज्ञान के महत्व पर चर्चा की और इसे आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोणों से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। जिसमें भारतीय ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक नवाचार के साथ जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया। विभिन्न शोध प्रस्तुतियों में भारतीय जल संचयन तकनीकों, आयुर्वेदिक सिद्धांतों और पारंपरिक डिजाइन सोच पर चर्चा की गई। इस दिन के प्रमुख सत्रों में “भारतीय ज्ञान प्रणाली और सततता” पर एक पैनल चर्चा हुई, जिसमें प्रो. अमित चावला ने स्थानीय और संदर्भिक ज्ञान के महत्व को रेखांकित किया और “हाईएस्ट कॉमन फैक्टर” (HCF) सोच का परिचय दिया, जो विभिन्न प्रणालियों में एकता खोजने पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने पारंपरिक कहानी कहने के महत्व को भी उजागर किया और आईकेएस भाषा पहुंच का समर्थन करने के लिए एक ऐप-आधारित प्रणाली की घोषणा की, प्रो. एफ. बी. खान और डॉ. के. एस. कुसुमा जैसे विशेषज्ञों ने भी इस मौके पर अपने विचार साझा किए।
तीन दिवसीय कनेक्ट 360 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन तीसरे और अंतिम दिन के सत्रों में भारतीय मिथकों, सोशल मीडिया के प्रभाव और डिज़ाइन में रंगों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर शोध प्रस्तुत किए गए। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अंतिम दिन के समापन समारोह में प्रो. अजय गुप्ता (पूर्व निदेशक, ICSSR) का मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत
की। इसी दिन “डिजाइनिंग द फ्यूजर विद ट्रेडिशन ” विषय पर पैनल चर्चा में प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी, प्रो. सुमित नरूला और प्रो. राकेश योगी जैसे प्रख्यात विशेषज्ञ सम्मिलित हुए। इस दिन के समापन सत्र में प्रो. अजय गुप्ता और प्रो. (डॉ.) मनीष वर्मा ने भारतीय ज्ञान प्रणालियों और वैश्विक सततता प्रथाओं के संगम पर अपने विचार रखे। सम्मेलन के समापन समारोह में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुतियों के पुरस्कार वितरित किए गए, जिसमें विजेताओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
कनेक्ट 360 सम्मेलन के पहले दिन, आर्चिका आर्या को “परंपरा से तकनीकी तक” विषय पर बेस्ट पेपर अवार्ड मिला, जबकि अनुराग गुप्ता और देवांग चतुर्वेदी को “साधारणिकरण” पर आधारित पेपर के लिए पुरस्कार मिला। दूसरे दिन, विशेष आज़ाद और प्रतिभा तिवारी को भारतीय ज्ञान प्रणालियों और समकालीन मीडिया के एकीकरण में योगदान के लिए बेस्ट पेपर अवार्ड मिला। डॉ. सागरिका को “गिबली एनिमेशन और भारतीय पारिस्थितिकी विचारधारा” पर उनके पेपर के लिए बेस्ट पेपर अवार्ड प्राप्त हुआ। कनेक्ट 360 सम्मेलन के अंतिम दिन, “माया, भ्रांति और नोलन की वास्तविकता की खोज: इनसेप्शन और द प्रेस्टिज का दार्शनिक विश्लेषण” शीर्षक पेपर के लिए एमिटी विश्वविद्यालय राजस्थान के सोमेन्द्र प्रजापत को बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं ऑफलाइन शोध पेपर प्रस्तुति पर डॉ. मुदस्सिर हमीद ने “डिजिटल डिवाइड को पुल करने: एनईपी का विश्लेषण” पर तथा त्रिलोक कुमार सिंह ने “डिजिटल मीडिया के युग में भारतीय ज्ञान प्रणालियाँ: संरक्षण, रूपांतरण और वैश्विक पहुंच” पर बेस्ट पेपर अवार्ड प्राप्त किया।
यह सम्मेलन परंपरागत और आधुनिक ज्ञान प्रणालियों के बीच एक महत्वपूर्ण पुल के रूप में सामने आया, जो आने वाले समय में सततता और नवाचार की दिशा में नई उम्मीदें और दृष्टिकोण उत्पन्न करेगा। जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग, के. आर. मंगलम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम का “कनेक्ट 360 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन” न केवल शोध और संवाद का एक अंतरराष्ट्रीय मंच साबित हुआ, बल्कि यह भारत की समृद्ध पारंपरिक ज्ञान परंपरा को नवाचार और वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा। यह सम्मेलन छात्रों, शोधार्थियों, शिक्षकों और नीति निर्माताओं को एक साझा मंच प्रदान करेगा, जहां परंपरा और तकनीक के संगम से नए विचारों का उदय होगा। इस मौके पर सम्मेलन संयोजक डॉ. आकिब अनवर बट, डॉ. रित्विक घोष, और श्री सानुद्दीन खान, साथ ही सह-संयोजक डॉ. दीप्तशिखा, आयोजन सचिव श्री कर्ण सिंह, सुश्री अदिती अग्रवाल एवं समन्वयक त्रिलोक कुमार सिंह, श्री उज्जल कुमार, डॉ. उज्जवल चंद्र दास, श्री सलाम मोहम्मद मौजूद रहें।