भारतीय ज्ञान, संस्कार एवं समृद्धि की संवाहक है संस्कृत – डॉ चाँद किरण सलूजा

भारतीय शिक्षण मण्डल का 56वां स्थापना दिवस दिल्ली प्रान्त द्वारा 6 अप्रैल,2025 को दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती महाविद्यालय में मनाया गया I कार्यक्रम में ‘शिक्षा में संस्कृत, संस्कृत से संस्कार, संस्कार से समृद्धि’ विषयक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि श्री लाल बहादुर राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने संस्कृत को तीन दृष्टि में समझाते हुए कहा कि सृष्टि के साथ ही संस्कृत की उत्पत्ति हुई है | उन्होंने अनुशासन एवं समर्पण को शिक्षा के लिए प्रमुख बताया और संस्कृत एवं संस्कार को एक दूसरे का पर्याय मानते हुए कहा कि संस्कृत ही हमें विद्या का संस्कार देती है I
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सुहास पेडनेकर ने कहा कि शिक्षा सभी सभ्यताओं का आधार है, यह बंधनो से मुक्त कर उन्नति का मार्ग प्रशस्त्र करती है I समय प्रबंधन के साथ ही ऊर्जा प्रबंधन भी आवश्यक है I समृद्धि से परिवर्तन शब्द को जोड़ते हुए कहा कि ये केवल शब्द नहीं है बल्कि ये सूत्र हैं जो हमें विकसित भारत की ओर ले जाएगा I
विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित जाने माने विद्वान् और शिक्षक डॉ चाँद किरण सलूजा ने कहा कि प्राचीन भारत में शिक्षा का अर्थ मुख्य रूप से भाषा के अर्थ में लिया गया था, जिसका उद्देश्य शिक्षा प्राप्त करके बेहतर मानव बनना है I उन्होंने शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा का मुख्य लक्ष्य है मानवता का निर्माण करनाI उन्होंने मनुष्य के सम्पूर्ण विकास की दिशाओं का वर्णन भी किया, उन्होंने कहा कि हमारा सम्पूर्ण व्यक्तित्व मन से जुडा है, साथ ही उन्होंने पंच कोष के माध्यम से संस्कारित जीवन की बात करते हुए वैयक्तितता से सामाजिकता की ओर जाना ही संस्कार बताया I कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली प्रान्त अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार सिंह ने की | अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो सिंह ने कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं बल्कि जीवनशैली है, अतः यह आवश्यक है कि संस्कृत के माध्यम से संस्कार एवं संस्कार के माध्यम से राष्ट्र को समृद्धि की ओर ले जाएं | अतिथियों का परिचय डॉ बबिता सिंह ने प्रस्तुत किया जबकि डॉ नरेश तंवर ने वृत्त रखा | कार्यक्रम का समापन कल्याण मन्त्र के साथ किया गया | धन्यवाद ज्ञापन डॉ धर्मेंद्र नाथ तिवारी ने किया I
इस अवसर पर अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी. आर. शंकरानन्द जी, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो महेश वर्मा,, प्रो धनंजय जोशी, प्रो रवि प्रकाश टेकचंदानी, गणपति तेती, ऋषि मोहन भटनागर, सचिन मारण, राजन चोपड़ा, प्रो दर्शन पांडेय सहित सैकड़ों गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।