कर्मठ देश के महान हस्तियों की है ये कहानी,
वीरता ही इनकी धरोहर है और आज़ादी ही इनकी वाणी।
हाथ जोड़ कर स्तुति करु मैं भारत माँ तुम्हारी,
संघर्ष की धरा हो तुम और तुम्ही शौर्य की किलकारी।
इतिहास रचा है हर योद्धा ने गाकर वतन की गाथा पुरानी,
झाँसी से लड़ी थी मर्दानी, तन से लिपटे शिशु वो महारानी।
ज्ञान की शाखा बनी तो कभी पुस्तकों सी गुणकारी, शीश झुकाये खड़ा है हिमालय, सुन कर तुम्हारी आत्मज्ञान की कहानी|
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