स्कूल ऑफ़ जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन, केआरएमयू द्वारा “डिजिटल युग में रेडियो” पर कार्यशाला आयोजित
स्कूल ऑफ़ जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन, केआरएमयू द्वारा “डिजिटल युग में रेडियो” पर कार्यशाला आयोजित की गई।आरजे नवे़द ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए, डिजिटल युग में प्रसारण के भविष्य पर की चर्चागुरुग्राम, 23 सितंबर 2024: के.आर. मंगलम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन (एस.जे.एम.सी.) ने “डिजिटल युग में रेडियो के विभिन्न पहलुओं” पर एक अनुभवात्मक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को प्रसारण के आधुनिक माध्यमों, जैसे रेडियो, पॉडकास्ट और सोशल मीडिया के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था, ताकि वे डिजिटल युग में प्रसारण उद्योग में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रघुबीर सिंह, कुलसचिव डॉ राहुल शर्मा के साथ पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग से डीन प्रो. अमित चावला भी मौजूद रहें।कार्यशाला के प्रमुख वक्ता के रूप में आर.जे. नावे़द उपस्थित थे, जो लोकप्रिय रेडियो जॉकी और पर्पल विंग्स एंटरटेनमेंट के संस्थापक हैं। आर.जे. नावे़द ने अपने रेडियो कैरियर के अनुभवों और सफलता की कहानियों को साझा करते हुए छात्रों को रेडियो और डिजिटल प्लेटफार्मों के बीच तालमेल और उनकी बढ़ती प्रासंगिकता पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि कैसे रेडियो अब केवल पारंपरिक प्रसारण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पॉडकास्ट, सोशल मीडिया, और अन्य डिजिटल मंचों पर भी विस्तारित हो गया। इस अनुभवात्मक कार्यशाला के दौरान छात्रों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया, जिनमें लाइव रेडियो प्रसारण की तकनीक, पॉडकास्ट रिकॉर्डिंग, और सोशल मीडिया इंटीग्रेशन के साथ प्रसारण के नए रूप शामिल थे। आरजे नावे़द ने उन्हें यह भी बताया कि किस प्रकार आज के युवा प्रसारकों के लिए खुद को एक बहुमुखी मीडिया पेशेवर के रूप में तैयार करना आवश्यक हो गया है। कार्यशाला के प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों ने रेडियो के विविध पक्षों पर अपने सवाल रखे, जिनका आर.जे. नावे़द ने विस्तृत उत्तर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि रेडियो और डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग न केवल मनोरंजन बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के छात्रों और संकाय सदस्यों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यशाला के समापन पर एस.जे.एम.सी. के डीन प्रो. अमित चावला ने आर.जे. नावे़द का धन्यवाद किया और कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों के कैरियर निर्माण में सहायक होते हैं और उन्हें उद्योग के विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिलता है। यह कार्यशाला छात्रों को रेडियो और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को निखारने और उनके कैरियर में नए आयाम जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम थी।