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शिक्षक भर्ती धोखाधड़ी: कोलकाता उच्च न्यायालय ने अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का आदेश दिया | भारत समाचार
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कलकत्ता: कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की फर्जी भर्ती में अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया। माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति में अनियमितताओं की जांच की प्रगति से असंतुष्ट न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने मामले पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एजेंसी को एक विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि एसआईटी 12-13 जांचकर्ताओं से बनी हो और आदेश दिया कि जांच के दौरान उनका तबादला न किया जाए। न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने सीबीआई के पूर्व सह-निदेशक और पूर्व मंत्री तृणमूल उपेन बिस्वास के नामांकन पर आदेश जारी किया। न्यायाधीश ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि यह एक और सारदा मामला हो, जिसकी जांच में लंबा समय लगे।”
एक महीने से अधिक समय तक रंजन के खिलाफ आरोप लगाने वाले बिस्वास ने अदालत कक्ष में अपनी पहचान जाहिर की। उनका असली नाम चंदन मंडल है। रंजन लोककथाओं में एक शख्सियत बन गए हैं। यह संगठित अपराध है। रंजन इस कृत्य में शामिल विभिन्न व्यवसायों के लोगों की लंबी कतार में एक बिंदु है। जब तक उसे हिरासत में नहीं ले लिया जाता तब तक जांच जारी नहीं रहेगी। हमें अपराध की जड़ तक जाने की जरूरत है।’ बिस्वास ने कोर्ट में पर्सनल मेमो भी दाखिल किया।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि एसआईटी 12-13 जांचकर्ताओं से बनी हो और आदेश दिया कि जांच के दौरान उनका तबादला न किया जाए। न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने सीबीआई के पूर्व सह-निदेशक और पूर्व मंत्री तृणमूल उपेन बिस्वास के नामांकन पर आदेश जारी किया। न्यायाधीश ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि यह एक और सारदा मामला हो, जिसकी जांच में लंबा समय लगे।”
एक महीने से अधिक समय तक रंजन के खिलाफ आरोप लगाने वाले बिस्वास ने अदालत कक्ष में अपनी पहचान जाहिर की। उनका असली नाम चंदन मंडल है। रंजन लोककथाओं में एक शख्सियत बन गए हैं। यह संगठित अपराध है। रंजन इस कृत्य में शामिल विभिन्न व्यवसायों के लोगों की लंबी कतार में एक बिंदु है। जब तक उसे हिरासत में नहीं ले लिया जाता तब तक जांच जारी नहीं रहेगी। हमें अपराध की जड़ तक जाने की जरूरत है।’ बिस्वास ने कोर्ट में पर्सनल मेमो भी दाखिल किया।
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