विटामिन डी: शोध के अनुसार, ये तंत्रिका संबंधी विकार विटामिन डी की कमी से जुड़े हैं।
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ऊपर वर्णित मुद्दों के अलावा, विटामिन डी दृढ़ता से मस्तिष्क स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। मस्तिष्क के कामकाज में इसका योगदान यही कारण है कि इसकी कमी संज्ञानात्मक कार्यों को प्रभावित करती है। विटामिन डी की कमी चिकित्सकीय रूप से न्यूरोलॉजिकल रोगों और न्यूरोसाइकोलॉजिकल विकारों, संज्ञानात्मक हानि और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों से जुड़ी है।
वैज्ञानिक अध्ययनों ने मस्तिष्क के सामान्य कामकाज के लिए महत्वपूर्ण न्यूरोस्टेरॉइड के रूप में विटामिन डी के कार्य की पुष्टि की है। इस विटामिन के निम्न स्तर से मल्टीपल स्केलेरोसिस, अल्जाइमर रोग, पार्किंसंस रोग और तंत्रिका संबंधी विकार जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव स्थितियां हो सकती हैं।
शोध ने विटामिन डी को अवसाद से भी जोड़ा है। जर्नल ऑफ डायबिटीज रिसर्च में प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी सप्लीमेंट वास्तव में टाइप 2 मधुमेह वाली महिलाओं में मूड में सुधार करता है।
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