मृणाल सेन के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘Mrinal Sen @100 ‘ विषय पर वेबिनार आयोजित
जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक जर्नल कम्युनिकेशन टुडे की 86वीं वेबिनार प्रख्यात् फिल्मकार मृणाल सेन के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर ‘Mrinal Sen @100 ‘ विषय पर आयोजित की गई l
वेबिनार को संबोधित करते हुए कोलकाता के वरिष्ठ जनसंपर्क कर्मी एवं मीडिया शिक्षक श्री सुबीर घोष , आरवी यूनिवर्सिटी, बैंगलोर के स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स के डीन एवं स्टारडस्ट व साप्ताहिक स्टार वीकली पत्रिका के पूर्व संपादक डॉ पीयूष राय, भुवनेश्वर के प्रोफेसर एमेरिटस एवं भारतीय प्रशासनिक सेवाओं के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी प्रो एसएन मिश्रा व भारतीय जनसंचार संस्थान ढेंकानल के क्षेत्रीय निदेशक प्रो मृणाल चटर्जी ने प्रख्यात् फिल्मकार मृणाल सेन के सिनेमा के क्षेत्र में योगदान के विभिन्न पक्षों की विस्तार से चर्चा की।
श्री सुबीर घोष ने मृणाल सेन को भारतीय मध्यवर्गीय चेतना का प्रतिनिधि फिल्मकार बताते हुए कहा कि उन्होंने सामाजिक अन्याय को पॉलीटिकल एक्टिविस्ट के रूप में अपनी फिल्मों में प्रभावी ढंग से उकेरा।
डॉ पीयूष राय ने मृणाल सेन की विभिन्न फिल्मों की सौंदर्यात्मक दृष्टि तथा उसके कथ्य पर आधारित विश्लेषण करते हुए सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी विशिष्ट दृष्टि को रेखांकित किया।
प्रो एसएन मिश्रा ने उनके रियल लाइफ एवं रील लाइफ के समन्वय को स्थापित करते हुए अकाल, गरीबी आदि की पीड़ा को संवेदनशील अभिव्यक्ति देने वाला मानवतावादी फिल्मकार बताया।
प्रो मृणाल चटर्जी ने मृणाल सेन के जीवन के रोचक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उनके फिल्मी योगदान की समीक्षा की।
वेबिनार का संचालन करते हुए कम्युनिकेशन टुडे के संपादक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो संजीव भानावत ने मृणाल सेन की जीवनी का उल्लेख करते हुए कहा कि भुवन शोम जैसी फिल्मों के माध्यम से उन्होंने भारत में समानांतर सिनेमा का शुरूआत की । इस आंदोलन में उनके समकालीन फिल्मकार सत्यजीत राय एवं ऋत्विक घटक का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
वेबिनार का प्रारंभ शहीद मंगल पांडे पीजी गर्ल्स कॉलेज में अंग्रेजी विभाग की व्याख्याता तथा वेबिनार श्रृंखला की आयोजन सचिव डॉ उषा साहनी ने सरस्वती वंदना की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति के साथ किया । उन्होंने कम्युनिकेशन टुडे की अकादमिक यात्रा का भी उल्लेख किया।
वेबिनार में भारतीय जनसंचार संस्थान की सहायक प्रोफेसर भावना आचार्य ने समापन वक्तव्य देते हुए सभी का आभार प्रदर्शन किया।
तकनीकी पक्ष आईआईएमटी यूनिवर्सिटी, मेरठ की मीडिया शिक्षक डॉ पृथ्वी सेंगर ने संभाला।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के डॉ बाला लखेंद्र, पत्रकार निखिलेश पाठक व बिहार के पत्रकार सोनू मिश्रा ने भी अपने विचार प्रकट किए।
वेबिनार में देश-विदेश के विभिन्न अंचलों से 307 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया ।
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