भारत में मीडिया शोध की स्थिति’ विषय पर वेबिनार आयोजित
जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक कम्युनिकेशन टुडे की 88वीं वेबिनार ‘भारत में मीडिया शोध की स्थिति'( Status of Media Research in India) विषय पर 23 जुलाई ,2023 को आयोजित की गई।·
वेबिनार को संबोधित करते हुए गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के अब्दुल कलाम सेंटर ऑफ एंसियट साइंस के निदेशक एवं पत्रकारिता के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ मनोज दयाल ने कहा कि भारत में मीडिया शोध बाल्यकाल से निकलकर यौवन काल में प्रवेश कर गया है और यहीं अब भटकाव की आशंका अधिक है। उन्होंने भारत में मीडिया शोध की दशा और दिशा पर चिंता प्रकट करते हुए गंभीर और सुचिंतित प्रयासों की आवश्यकता महसूस की।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नोलॉजी की निदेशक प्रोफेसर बिंदु शर्मा मीडिया शोध के क्षेत्र में समृद्ध भारतीय ज्ञान परंपरा को जोड़ने की आवश्यकता महसूस की। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के आगमन ने शोधार्थियों को ‘ग्लोबल एक्स्पोज़र’ दिया है लेकिन सॉफ्टवेयर्स की सुविधाजनक उपलब्धता के कारण शोध में कट पेस्ट की प्रवृत्ति भी बढ़ी है।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ,भोपाल के शोध एवं संचार विभाग के अध्यक्ष प्रो मोनिका वर्मा ने इस बात पर चिंता प्रकट की कि शोध का व्यापक सामाजिक हित एवं नीति निर्माण में प्रभावी उपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने मीडिया शोध के क्षेत्र में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से प्रारंभ किए गए अभिनव प्रयोगों की विस्तार से चर्चा की।
वेबिनार का संचालन करते हुए कम्युनिकेशन टुडे के संपादक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय में जन संचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो संजीव भानावत ने वेबिनार का संचालन एवं विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि भारत में मीडिया सदी की एक सदी की यात्रा पूरी हो जाने के बावजूद शोध अनुसंधान के क्षेत्र में मीडिया शोध एक स्वतंत्र अनुशासन के रूप में नहीं उभर सका है । उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शोध जर्नल्स के प्रकाशन से लेकर शोधार्थियों की स्थिति , शोध निर्देशकों के अभाव तथा गुणवत्तापूर्ण संदर्भ सामग्री की अनुपलब्धता आदि की चुनौतियों की भी चर्चा की।
आकाशवाणी के अतिरिक्त महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रसारण कर्मी श्री राजीव कुमार शुक्ला ने प्रसारण दिवस (23 जुलाई) की शुभकामनाएं देते हुए मीडिया एकेडमिक्स और इंडस्ट्री के बीच में पारस्परिक समन्वय स्थापित करने का आग्रह करते हुए पठन-पाठन की प्रवृत्ति को विकसित किए जाने की आवश्यकता महसूस की ।
चर्चा में राजस्थान विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ जोया चक्रवर्ती ,महाराष्ट्र के शोधार्थी श्री जयवीर सिंह ,हरियाणा के डॉ दयानंद कादियान व श्री अशोक कुमार आदि ने भी चर्चा में भाग लिया।
तकनीकी पक्ष आईआईएमटी यूनिवर्सिटी,मेरठ की मीडिया शिक्षक डॉ पृथ्वी सेंगर ने संभाला।
इस वेबिनार के लिए देश-विदेश के 356 प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया।