नई बहादुर दुनिया में रिपोर्टिंग: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025
राहुल मित्तल-(लेखक जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में सहायक प्राध्यापक हैं)

स्वतंत्रता का मतलब शरीर का आजाद होना नहीं बल्कि मन और दिमाग का आजाद होना है। यदि हमारा मन और दिमाग दोनों आजाद है तब कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारा शरीर आजाद है या फिर गुलाम। और इस आजादी से मिलती है कलम की आज़ादी कलम की आज़ादी को यथार्थ मिलता है पत्रकारिता से। यहां आपको स्वतंत्रता मिलती है अपने विचारों को व्यक्त करने की, और यही विचार समाज को आईना दिखाते हैं। पत्रकार ही वो लोग हैं जो सत्ता से सवाल कर सकते हैं और उनसे जवाब मांग सकते हैं। यह ही वो लोग हैं जिन्होंने सैनिकों के बाद आम लोगों की सामाजिक बुराईयों से रक्षा की और समाज को समय समय पर जागरूक किया। समाज को जागरूक करने के लिए इन्होंने अपनी जिंदगी की भी परवाह नहीं की और अपनी जिंदगी को कुर्बान कर दिया।
अपनी जिंदगी को कुर्बान करने वाले पत्रकारों में गणेश शंकर विद्यार्थी (प्रताप), शोएबुल्लाह खान (इमरोज), ज्योतिर्मय डे (मिड डे), रामचंद्र छत्रपति (पूरा सच), गौरी लंकेश (लंकेश पत्रिके), मौलवी मौहम्मद बाकिर (दिल्ली अखबार), जेम्स फोली (अमरीकन पत्रकार), लस्सा कौल (दूरदर्शन) आदि कुछ पत्रकारों के नाम हैं जिन्होंने सच के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी। किसी ने लोगां को दंगों से बचाया, किसी ने सच लिखा, किसी ने डॉन की जिंदगी से जुड़े राज उजागर किये, कोई मरते दम तक कट्टरता के विरूद्ध लिखता रहा और किसी को आतंकी भी झुका न सके। इसी बात को ध्यान रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष आयोजित होने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की एक थीम इस वर्ष हैः- नई बहादुर दुनिया में रिपोर्टिंग – प्रेस स्वतंत्रता और मीडिया पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव।
एआई पत्रकारिता को बदल रहा है, ऐसे उपकरण प्रदान कर रहा है जो खोजी रिपोर्टिंग, सामग्री निर्माण और तथ्य-जांच को बढ़ाते हैं। यह अधिक दक्षता, बहुभाषी पहुंच और बेहतर डेटा विश्लेषण की अनुमति देता है। हालाँकि, ये प्रगति जोखिम भी लाती है। एआई द्वारा उत्पन्न गलत सूचना और गलत सूचना, डीपफेक तकनीक, पक्षपाती सामग्री मॉडरेशन और पत्रकारों के लिए निगरानी के खतरे प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त, मीडिया व्यवसाय मॉडल में एआई की भूमिका पत्रकारिता सामग्री और मीडिया योग्यता एवं क्षमता के लिए उचित पारिश्रमिक के बारे में चिंताएँ पैदा करती है।
यह थीम पत्रकारों, नीति निर्माताओं, मीडिया पेशेवरों और नागरिक समाज के लोगों को एक साथ लाकर इन जटिल मुद्दों का पता लगाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने के बजाय उन्हें मजबूत करे।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 3 मई को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य हर समाचार को जनता तक पंहुचाना है। आधुनिक समय में लोगों को सारी जानकारी अपने घर पर बैठे-बैठे ही देश दुनिया की जानकारी मिल जाती है। चाहे उसका जरिया समाचार पत्र हो, टीवी हो या फिर इंटरनेट की वजह से मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन। अब चाहे आप घर में हों या फिर आप ऑफिस में हों या फिर आप कहीं घूमने गए हों या यात्रा कर रहे हों समाचार आप तक पंहुच ही जाएंगे। आप केवल अपने मोबाइल का डाटा शुरू कीजिए और मोबाइल पर इच्छानुसार समाचार ऐप पर समाचार सुनिये या देखिये। पर सवाल यह उठता है कि जो समाचार आप पढ़ रहे हैं उनको आप की मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन तक पंहुचाता कौन है, इसका जवाब है पत्रकार।
जी हां यह पत्रकार ही हैं जिसको समाचार को आप तक पंहुचाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है कई बार तो ऐसा होता है कि वह अपनी जान को जोखिम में डाल कर आप तक सूचानाएं समाचारों के रूप में पंहुचाते हैं। और इसमें भी उन्हें कई तरह की चुनौमियों का सामना करना पड़ता है। वह अपनी पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं। और इस पारदर्शिता के लिए जरूरी है कि वह अपना कार्य स्वतंत्र रूप से कर सकें। इसी उद्देश्य से हर वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
1991 में यूनेस्को की एक कान्फ्रेंस में प्रेस स्वतंत्रता को लेकर सिफारिष की गई। 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने 3 मई को विष्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा कर डाली। परंतु इसके लिए 1991 में अफ्रीकी पत्रकारों ने प्रेस की आजादी के लिए अभियान छेड़ा था। इसके बाद प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर एक बयान जारी किया गया जिसको डिक्लेरेषन ऑफ विंडहोक के नाम से भी जाना जाता है। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 3 मई को विष्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया। और तब से 3 मई को विष्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
आज का दिन इस बात की याद दिलाता है कि जनता की पंहुच हर समाचार तक होनी चाहिए। इसके साथ ही हर सरकार को इस बात का समर्थन करते रहना चाहिए कि पत्रकार अपने काम को पारदर्षिता के साथ सही और सुरक्षित तरीके से कर सकें।