विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत के शहरों में रहने वाले 12% और गांव में रहने वाले 8% लोगों को हृदय की कोई ना कोई बीमारी है। भारत में होने वाली कुल मौतों में से 28% की वजह भी हृदय रोग है और हर साल भारत में 20 लाख से ज्यादा लोग हार्ट अटैक से मर जाते हैं। पिछले 2 साल में कोविड से हमारे देश में सवा 5 लाख लोग मरे जबकि हार्ट अटैक से हर साल 20 लाख लोग मर जाते हैं, इसके बावजूद हमारे देश में कोविड को बहुत गंभीरता से लिया जाता है लेकिन हार्ट अटैक की कोई बात नहीं करता पिछले 20 वर्षों में भारत में हृदय रोगों के मामले 30% तक बढ़ गए हैं और इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, शराब पीना और ज्यादा जंक फूड खाना इसके अलावा अब तनाव भी दिल की बीमारियों की एक बहुत बड़ी वजह बनता जा रहा है। भारत में 2019 में 7 महानगरों में हुए एक सर्वे से पता चला कि 30 से 40 वर्ष के 57% युवाओं में तनाव की वजह से दिल की बीमारियां हो रही है जबकि 30 से 40 वर्ष के 55% युवा 7 घंटे से भी कम नींद ले रहे हैं और यह भी इसकी बड़ी वजह है। यह सोचना बिल्कुल गलत है कि हार्ट अटैक का खतरा केवल उन्हीं लोगों को होता है जो सिगरेट और शराब पीते हैं। दिल्ली के एक बड़े सरकारी अस्पताल की एक स्टडी कहती है कि अब 18 से 45 वर्ष के युवाओं को दिल की बीमारियां ज्यादा हो रही है और यह वह लोग हैं जो सिगरेट और शराब को छूते भी नहीं है बल्कि इन लोगों में इस बीमारी के लिए तनाव सबसे बड़ी वजह बन गया है। अगर आप हफ्ते में कम से कम 5 दिन 20 से 25 मिनट तक तेज गति से टहलते हैं या हल्का व्यायाम करते हैं तो हार्टअटैक के खतरे को टाल सकते हैं। दिल की बीमारियों के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए आपको आहार में फैट और नमक की मात्रा कम रखनी चाहिए। आहार में फाइबर वाले खाने, चिया सीड्स, केला, बेरी, ताजे फल व सब्जियां, अनाज, लहसुन व दालचीनी को शामिल करना दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले फूड, पैक्ड व प्रोसेस्ड फूड, फ्राइड फूड, बटर आदि से दूरी बनाएं। एक्सरसाइज करने से आपका दिल मजबूत बनता है और आप ब्लड प्रेशर, खराब रक्त प्रवाह आदि दिल की बीमारी के कारणों से दूर रहते हैं। इसके साथ ही एक्सरसाइज व योगा से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। आपको रोजाना 8 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। अत्यधिक चिंता या तनाव न लें। दिल की बीमारी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन नियमित रूप से करें।