12 जनवरी को पूरा देश स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती मना रहा है। युवा दिवस के रूप में इनकी जयंती मनाई जाती है, स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महापुरुष थे जिनके विचार आज भी लोगों के जीवन में एक नई ऊर्जा को संचरित करती हैं। युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद ने दुनिया के सामने हिंदुत्व के विचारों को रखा और सनातन परंपरा को आगे बढ़ाया। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में हुई विश्व धर्म महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया और भारतीय दर्शन और विचार को दुनिया के सामने रखा। स्वामी विवेकानंद के विचारों में ऐसी क्षमता है कि वो हर किसी व्यक्ति के जीवन को बदल सकते हैं..युवाओं के लिए उनके दिए विचार आज प्रेरणा के साथ एक नई ऊर्जा की संचार करती हैं।
*आज के युवाओं की दशा*
आज के युवा जिस प्रकार आध्यात्मिक व लक्ष्य को छोड़कर भौतिक सुख अनुभव के लिए जिस पर तत्परता दिखाते हैं,यह सीखने के उम्र में दिशा विहीन होते जा रहे हैं,भौतिकता के चक्कर में आकर मानसिक तनाव झेल रहे हैं,मानसिक स्थिति को कमजोर कर रहे हैं,सीखने के उम्र में अपनी अध्ययन में एकाग्र न होकर क्षणिक सुख के तलाश में अपनी सीखने की उम्र गुजार दे रहे हैं।
*स्वामी जी का युवाओं के लिए ख़ास संदेश*
स्वामी जी का मानना था कि युवाओं के अंदर अंतर्निहित प्रतिभा की भंडार होती हैं,अगर उस प्रतिभा को निखारा जाए तो प्रतिभा के प्रकाश से पूरा समाज प्रकाशवान होगा। स्वामीजी का युवाओं से ख़ास अपील की कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत होना आवश्यक हैं,वे कहते थे कि किसी भी तरह के भय न करें निर्भय बनो ,सारी शक्ति तुम्हारे अंदर निहित हैं, अपने आप को किसी भी रूप में कमजोर न समझो ,उठो जागो व लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत।
वह आध्यात्म व अध्ययन के साथ खेल को भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा मानते थे,उनका मानना था शक्ति ही जीवन हैं और कमजोरी ही मृत्यु । कोई भी व्यक्ति जीवन का असल सुख नही भोग सकता जब तक वो शारीरिक रूप से ताकतवर न हो।
स्वामी जी युवाओं को सामाजिक गतिविधियों में सलग्न होने के लिए काफी प्रेरित करते थे,उनका मानना था की युवा को जोश व सोच समाज को एक नई दिशा की ओर ले जाएगा,युवा आध्यात्म के साथ साथ फुर्तीला रहता हैं जिससे सामाजिक कार्य शानदार तो होंगे ही ,साथ ही साथ युवाओं के अंदर अनुभव व निखार