38 वर्षीय सलिल त्रिपाठी, जो जोमैटो डिलीवरी एक्जीक्यूटिव के रूप में भी काम करते थे , की शनिवार रात दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने अपनी कार से उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। जिले सिंह के रूप में पहचाने जाने वाले कांस्टेबल ने रोहिणी में बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल के पास अपनी ब्रेजा कार से सलिल त्रिपाठी की बाइक को टक्कर मार दी। त्रिपाठी को अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
सलिल त्रिपाठी अपनी मां, पत्नी और 10 साल के बेटे के साथ बुद्ध विहार में रहते थे. वह परिवार में एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति थे | सलिल त्रिपाठी हडसन लेन में रिकोस के मैनेजर थे और उन्होंने अतिरिक्त काम करने के लिए हाल ही में जोमैटो डिलीवरी पर्सन के रूप में काम करना शुरू किया था। उनके पिता की हाल ही में COVID-19 से मृत्यु हो गई थी । अभी पूरा परिवार पिता के गम से उबरा भी नहीं था की सलिल की मृत्यु ने सबको झकझोर कर रख दिया |
त्रिपाठी के चचेरे भाई राहुल ने बताया की “सलिल अपने परिवार की मदद के लिए देर रात तक काम करते थे | सलिल के साथ बिताये पलों को याद कर राहुल की आँखों में आँसू आ जाते हैं ,गला रुध जाता है | अब परिवार की एक ही इच्छा है कि दोषियों पर कठोर कार्यवाही हो | लोगों से भी इस न्याय की लड़ाई में परिवार का सहयोग करने के लिए अपील की है |
सलिल त्रिपाठी अपनी मां, पत्नी और 10 साल के बेटे के साथ बुद्ध विहार में रहते थे. वह परिवार में एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति थे | सलिल त्रिपाठी हडसन लेन में रिकोस के मैनेजर थे और उन्होंने अतिरिक्त काम करने के लिए हाल ही में जोमैटो डिलीवरी पर्सन के रूप में काम करना शुरू किया था। उनके पिता की हाल ही में COVID-19 से मृत्यु हो गई थी । अभी पूरा परिवार पिता के गम से उबरा भी नहीं था की सलिल की मृत्यु ने सबको झकझोर कर रख दिया |
त्रिपाठी के चचेरे भाई राहुल ने बताया की “सलिल अपने परिवार की मदद के लिए देर रात तक काम करते थे | सलिल के साथ बिताये पलों को याद कर राहुल की आँखों में आँसू आ जाते हैं ,गला रुध जाता है | अब परिवार की एक ही इच्छा है कि दोषियों पर कठोर कार्यवाही हो | लोगों से भी इस न्याय की लड़ाई में परिवार का सहयोग करने के लिए अपील की है |