केंद्रीय बजट 2025-26 पर टेक्निया सीडीएल और टेक्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज के प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वधान में पैनल चर्चा आयोजित
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टेक्निया सीडीएल और टेक्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज के प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वधान में केंद्रीय बजट 2025-26 पर एक महत्वपूर्ण पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इस चर्चा में अकादमिक, वित्त और मीडिया क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हुए और बजट के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया। इस सत्र में मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) रामवीर, दिल्ली विश्विद्यालय, प्रो. (डॉ.) अजय कुमार, महानिदेशक, टेक्निया ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट, प्रो. (डॉ.) एम एन झा, निदेशक, टेक्निया सीडीएल, और कई विषय विशेषज्ञ शामिल रहे।
चर्चा की शुरुआत बजट के वित्तीय ढांचे के विश्लेषण से हुई, जिसमें प्रो. रामवीर ने आर्थिक अनुमान, राजकोषीय घाटे और सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला। प्रो. (डॉ.) अजय कुमार ने कर सुधारों, आयकर स्लैब में संभावित बदलावों और उनके मध्यम वर्ग व व्यवसायों पर प्रभाव को स्पष्ट किया।उन्होंने कहा, “केंद्रीय बजट 2025-26 देश के विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस चर्चा का उद्देश्य छात्रों और शिक्षाविदों को बजट के विभिन्न आयामों को समझने और उसके प्रभावों का विश्लेषण करने का अवसर प्रदान करना है।
टेक्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज के वॉयस चेयरपर्सन डॉ संध्या बिंदल ने बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटित धनराशि पर प्रकाश डाला और इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर चर्चा की।उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट किसी भी राष्ट्र की आर्थिक दिशा और विकास की रणनीति का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इस पैनल चर्चा के माध्यम से हमने विद्यार्थियों और शिक्षको को बजट की समझ प्रदान करने का प्रयास किया है। हमारा उद्देश्य टेक्निया संस्थान को देश की वित्तीय नीतियों और आर्थिक विकास की प्रक्रियाओं से परिचित कराना है, जिससे वे जागरूक नागरिक बन सकें और अपने विचारों से समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।
पैनल चर्चा में शामिल प्रो. (डॉ.) एम एन झा, निदेशक, टेक्निया सीडीएल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), स्टार्टअप्स, और युवाओं के लिए बजट में निहित संभावनाओं पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा AI, स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम देश की युवा शक्ति को नए अवसर प्रदान करेंगे। साथ ही, AI और ऑटोमेशन सेक्टर में निवेश से रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शिवेन्दु कुमार राय ने ने कहा कि युवाओं के लिए स्टार्टअप्स और उद्यमशीलता को समर्थन देने वाली नीतियां बजट का महत्वपूर्ण पहलू हैं। नवाचार को प्रोत्साहित करने से भारत ग्लोबल स्टार्टअप हब बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। महिला केंद्रित बजट प्रावधानों पर बोलते हुए प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पूजा शर्मा ने ने महिला नेतृत्व वाले उद्यमों और सामाजिक कल्याण योजनाओं में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, हरित निवेश और जलवायु वित्तीय नीतियों पर भी चर्चा की गई। पैनल चर्चा का संचालन टेक्निया इंस्टिट्यूट के प्रबंधन विभाग के डॉ पारुल गाबा ने किया।
इस चर्चा में छात्रों और शिक्षकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया और अपने सवालों के माध्यम से बजट के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास किया। प्रबंधन विभाग की छात्रा सारिका जयसवाल ने कहा, “यह चर्चा न केवल बजट को समझने में मददगार साबित हुई, बल्कि इसने हमें देश के आर्थिक भविष्य पर विचार करने के लिए प्रेरित किया।चर्चा के अंत में छात्रों और शिक्षकों के साथ संवादात्मक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ ।