12 नवंबर , 2022 को सार्वजनिक सेवा प्रसारण दिवस के अवसर पर जयपुर से प्रकाशित मीडिया त्रैमासिक कम्युनिकेशन टुडे की 64 मी वेबिनार आयोजित की गई।
वेबीनार को संबोधित करते हुए दूरदर्शन के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक श्री कृष्ण कल्पित ने कहा कि प्रत्येक प्रसारक एक सिपाही की तरह होता है जो हर चुनौती का सामना करते हुए तुरंत सही सूचना एवं तथ्य को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध होता है। उन्होंने कहा गांधी से बड़ा प्रसारक आज तक कोई नहीं हुआ है। लोक कल्याणकारी व्यवस्था में प्रसारण माध्यमों का विशेष दायित्व है। इन माध्यमों को दूरदराज के क्षेत्र में बैठे हुए अपने श्रोता और दर्शक की आवश्यकता पड़ओं को भी ध्यान में रखना पड़ता है।
वरिष्ठ प्रसारक , कंमेंटेटर एवं एंकर श्री जैनेंद्र सिंह ने कहा आकाशवाणी सस्ता, सरल व सुलभ माध्यम है जिसने अपने कार्यक्रमों की विविधता से अपनी लोकप्रियता को सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि नए मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच भी आकाशवाणी ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखी है। हर पल, हर घड़ी ,हर क्षण हमारे साथ रहने वाले आकाशवाणी जैसे माध्यम जब से गैर व्यवसायिक लोगों के नियंत्रण में आए हैं, उसकी सार्वजनिक प्रसारण की भूमिका पर भी किंचित आघात पहुंचा है।
गुजरात यूनिवर्सिटी की संचार एवं पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर सोनल पांडे ने कहा कि हम अतीत से कटकर वर्तमान को नहीं समझ सकते उदारीकरण के दौर में सार्वजनिक प्रसारण माध्यमों की भूमिका भी पुनर भाषित होनी चाहिए बहुजन हिताय बहुजन सुखाय तथा सत्यम शिवम सुंदरम जैसे उद्देश्यों में कहीं व्यवसायिक रूप देखने को नहीं मिला लेकिन आज हम मार्केटिंग के संदर्भों को ध्यान में रखते हुए आकाशवाणी व दूरदर्शन की भूमिका के नए मॉड्यूल एवं प्रतिमान खोजने होंगे। उन्होंने इन माध्यमों के शैक्षिक स्वरूप की व्याख्या करते हुए लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत बनाने में उनके योगदान की चर्चा भी की।
वेबिनार का प्रारंभ मेरठ के शहीद मंगल पांडे पीजी गर्ल्स कॉलेज में अंग्रेजी विभाग की व्याख्याता डॉ उषा साहनी के सरस्वती वंदना व स्वागत भाषण से हुआ। वेबिनार का संचालन एवं विषय प्रवर्तन कम्युनिकेशन टुडे के संपादक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो संजीव भानावत ने किया। तकनीकी पक्ष आईआईएमटी यूनिवर्सिटी मेरठ की मीडिया शिक्षक डॉ पृथ्वी सेंगर में संभाला। वेबिनार में 137 प्रतिभागियों ने देश के विभिन्न अंचलों से अपना रजिस्ट्रेशन कराया। चर्चा में दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल की एंकर डॉ प्रियंका कटारिया एवं कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के शोधार्थी अशोक कुमार ने भी भाग लिया। डॉ उषा साहनी ने आभार प्रकट किया। आप अपने समय और सुविधा के अनुरूप यहां क्लिक कर इस चर्चा को सुन सकते हैं ।