आईआईटीएम में “नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 : अ पैराडाइम शिफ्ट इन मीडिया एजुकेशन एंड इन्स्योरिंग क़्वालिटी विद द ग्लोबल फ्रेमवर्क G 20 ” विषय पर संगोष्ठी आयोजित
नई दिल्ली, 23 जनवरी 2024: मीडिया शिक्षा व मानवीय मूल्यों के संदर्भ में नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की प्रासंगिकता को समझने के उद्देश्य से आईआईटीएम के स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन द्वारा मंगलवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन “नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 : अ पैराडाइम शिफ्ट इन मीडिया एजुकेशन एंड इन्स्योरिंग क़्वालिटी विद द ग्लोबल फ्रेमवर्क G 20” विषय पर किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ विशिष्ट अतिथि प्रो. नारायण सी. देबनाथ, (डीन ,स्कूल ऑफ़ कंप्यूटिंग एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ईस्टर्न इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी विएतनाम , डॉ दुर्गेश त्रिपाठी ( मूक्स कोऑर्डिनेटर एवं असोसिएट प्रो, गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी), विशिष्ट अतिथि श्री अजय कुमार गुप्ता (पूर्व निदेशक आईसीएसएसआर, नई दिल्ली , संस्थान निदेशक प्रो डॉ रचिता राणा व राष्ट्रीय सगोष्ठी की संयोजिका डॉ निवेदिता शर्मा व सह संयोजक बाल कृष्ण मिश्र , सचिन कुमार और तपांशु द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया ।
संस्थान निदेशक प्रो डॉ रचिता राणा ने अपने उद्बोधन में संगोष्ठी के उद्देश्य को स्पष्ट करते हु एआईआईटीएम में आयोजित की जाने वाली समस्त गतिविधियों से परिचय कराते हुए कहा कि, शिक्षा व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए बहुत आवश्यक है | इसलिए ये जरुरी है कि शिक्षा की गुणवक्ता बनाये रखने के लिए वक्त के साथ शिक्षा नीति में भी बदलाव किया जाता रहे |
विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर नारायण सी. देबनाथ, ने आधुनिक मीडिया शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित किया।
विशिष्ट अतिथि डॉ दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा-पुरानी व नई शिक्षा नीति में कोई विशेष अंतर नहीं है। जोर इस बात पर दिया गया है कि बच्चों को सिखाना कैसे है? मातृभाषा में शिक्षा देने पर विशेष जोर दिया गया है। विशिष्ट अतिथि श्री श्री अजय कुमार गुप्ता (पूर्व निदेशक आईसीएसएसआर, नई दिल्ली ने कहा-रिसर्च का मतलब सर्च करना है और हम ऐसा रिसर्च करें कि वह स्थानीय स्तर पर ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सिद्ध हो सके। समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर मनोकोण्डा रविंद्रनाथ ( प्रो. सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ,जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ) ने कहा कि, पहले की शिक्षा नीतियां पूरे भारत में लागू नहीं होती थीं। यही एकमात्र शिक्षा नीति है जो पूरे भारत में सभी स्तरों पर लागू है। संगोष्ठी में आगे बोलते हुए प्रो. मनोकोण्डा ने कहा कि इस धरा पर हम नई शिक्षा नीति का प्रयोग कैसे करेंगे, इस पर गहन अध्ययन करने की जरूरत है।
संगोष्ठी में डॉ दवैता पाटिल (एसोसिएट प्रो. यूनिवर्सिटी ऑफ़ मुंबई), डॉ शिशिर सिंह, (सीनियर असिस्टेंट प्रो, शारदा यूनिवर्सिटी), डॉ सचिन भारती (एसोसिएट प्रो, यू एस एम सी (गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी) टेक्निकल सेशन के चेयरपर्सन के रूप में मौजूद रहे |
संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश , बिहार , हरियाणा , पंजाब , ओडिशा , वेस्ट बंगाल के विभिन्न संस्थानों से आये हुए शिक्षक ,विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये |
इस मौके पर श्रीमती सीमा शर्मा (मेंबर गवर्निंग बॉडी आईआईटीएम) ,डॉ गणेश वाधवानी,उप निदेशक आईआईटीएम , डॉ मोनिका कुलश्रेष्ठ (निदेशक,आईआईनटीएम) डॉ वंदन राघव (विभागाध्यक्ष, बीबीए) डॉ. विकास भरारा (विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग), डॉ. दीपिका अरोरा (विभागाध्यक्ष,एमबीए) एवं संस्थान के सभी शिक्षक और व छात्र -छात्राएं मौजूद रहे |